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उत्तराखंड का मुनस्यारी हिल स्टेशन दुनियाभर में "छोटा कश्मीर" के नाम से प्रसिद्द है, गर्मियों की छुट्टियों में आप यहाँ अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं .
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मुनस्यारी हिल स्टेशन में आपको कई खूबसूरत हिल स्टेशन मिल जायेंगे जहाँ आप प्रकृति के सुन्दर नजारों का आनंद उठाते हुए कुछ पल सुकून के बिता सकते हैं.
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यहाँ हम आपको मुनस्यारी हिल स्टेशन की 10 ऐसी बेहतरीन जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी ओर पर्यटक खूब आकर्षित होते हैं.
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पिथौरागढ़ की जोहार घाटी में स्थित इस पंचाचुली पर्वत पर पांच चोटियाँ हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार इन चोटियों को पांडवों का प्रतीक माना जाता है।
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400 फीट ऊँचा यह बिरथी फाल मुनस्यारी से 35 km की दूरी पर और अल्मोड़ा से मुनस्यारी के बीच तेजम नामक स्थान से 14 km की दूरी पर स्थित है। यह झरना मुनस्यारी मार्ग पर पड़ने से पर्यटकों में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है
पिथौरागढ़ में यह ट्यूलिप गार्डन समुद्रतल से 9000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ खिले सुंदर ट्यूलिप और अन्य प्रजातियों के फूल इस स्थान की सुन्दरता पर चार चाँद लगा देते हैं। यह एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है.
उत्तराखंड में माता पार्वती को नंदा देवी के रूप में जाना जाता है। मान्यता है की यह मंदिर हजार वर्ष से भी पुराना है। मुनस्यारी घूमने आने वाले पर्यटक माँ नंदादेवी का आशीर्वाद जरुर लेते हैं।
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मुनस्यारी से 10 km की दूरी पर स्थित इस कुंड का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। जिस वर्ष बारिश कम होती है तो स्थानीय लोग इस कुंड पर जाकर बारिश आने के लिए मांग करते हैं।
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आदिवासी विरासत संग्रहालय, मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह संग्रहालय मुनस्यारी से केवल 2 km की दूरी पर नन्सैन्न गाँव में सुरेंदर सिंह नामक एक व्यक्ति के घर में स्थित है।
बैतुली धार मुनस्यारी उत्तराखंड में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के नजारों के लिए प्रसिद्द है। यह स्थान समुद्रतल से 9000 फीट की ऊँचाई पर बलती और बालम ग्लेशियरों के बीच स्थित है
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मिलम ग्लेशियर उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यह ग्लेशियर 3800- 5500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, कुमांऊ में बहने वाली गौरी गंगा का उद्गम इसी ग्लेशियर से होता है।
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माहेश्वरी कुंड मुनस्यारी से 10 km का ट्रेक करके पहुँचा जाता है, स्थानीय लोग इस कुंड को मेशर कुंड, मेहसर कुंड आदि नामों से भी जानते हैं।
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