21 October 2023
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वर्तमान समय में हमारे देश में एस्ट्रो टूरिज्म की बात बहुत कम लोग करते है लेकिन अब भारत सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
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एस्ट्रो विलेज से तात्पर्य ऐसी जगह से है जहां पर वायु प्रदूषण (प्रकाश प्रदुषण) बहुत कम हो और आसमान एकदम खुला और साफ दिखता हो।
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इस जगह से हम तारो, ग्रहों और चांद की चांदनी को बिल्कुल स्पष्ट देख सकते हैं .
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इसके अतिरिक्त यहां से हम एस्ट्रो फोटोग्राफी, सौर अवलोकन, नक्षत्र दर्शन, स्टार गेजिंग इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं।
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उत्तराखंड के चमोली जिले का बेनिताल गाँव एक एस्ट्रो विलेज बनने की सभी विशेषताएं रखता है, इसलिए बेनिताल को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है.
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चमोली जिला प्रशासन द्वारा एक स्टार्टअप कंपनी Starscapes के साथ मिलकर साझा प्रयोग किया जा रहा है। जल्द ही आप बेनिताल, चमोली में एस्ट्रो विलेज पार्टी और एस्ट्रो विलेज कैम्प लगा पायंगे।
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एस्ट्रो टूरिज्म के जरिए हम खुले आसमान में खगोल पिंडों, तारो, ग्रहों, चांद इत्यादि को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
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उत्तराखंड, लद्दाख और राजस्थान में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल, चमोली जिले में समुद्र तल से लगभग 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
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