इस मंदिर में पुजारी भी नहीं देख सकते हैं देवी की मूर्ती को, देखा तो हो जायेगा अनर्थ

चन्द्रबदनी मंदिर उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में देवप्रयाग से केवल 33 km की दूरी पर स्थित राज्य के प्रसिद्द मंदिरों में से एक है 

माता सती तो समर्पित यह मंदिर समुद्रतल से 2277 मीटर ऊँचाई पर चंद्रकूट नामक पर्वत पर स्थित है।  

चन्द्रबदनी मंदिर देश में स्थापित 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चन्द्रबदनी मंदिर में माता की किसी भी मूर्ती की पूजा नहीं की जाती है 

मंदिर में माँ चन्द्रबदनी की मूर्ति न होकर श्रीयंत्र ही अवस्थित है, किवंदती है कि  माता सती का बदन भाग इस स्थान पर गिरने से देवी की मूर्ति के कोई दर्शन नहीं कर सकता है 

पुजारी भी आँखों पर पट्टी बाँध कर माँ चन्द्रबदनी को स्नान कराते हैं । जनश्रुति है कि कभी किसी पुजारी ने अज्ञानतावश अकेले में मूर्ति देखने की चेष्टा की थी, तो पुजारी अंधा हो गया था  

चन्द्रबदनी मंदिर ऐसी जगह पर स्थित है जहाँ से आपको हिमालय के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं, इसके अलावा यहाँ से सुरकंडा, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि जगहों को भी स्पष्ठ देखा जा सकता है। 

मंदिर में हरवर्ष एक रहस्यमयी पूजा की जाती है, यह पूजा अप्रैल माह में होती है और इस पूजा का बहुत महत्व माना जाता है, इस दिन माता के भक्त यहाँ हजारों की संख्या में पहुँचते हैं। 

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