उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, यहाँ कण-कण में भगवान का वास माना जाता है
उत्तराखंड में अनेक रहस्यमयी गुफाएं और मंदिर हैं, इनमें से कई रहस्यों को आज तक नहीं सुलझाया जा सका है.
ऐसी ही एक गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है, जिसमें दुनिया के ख़त्म होने का रहस्य छिपा हुआ है.
इस गुफा मंदिर का नाम पाताल भुवनेश्वर है, माना जाता है कि इस गुफा मंदिर में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है
समुद्रतल से 1653 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है।
यह गुफा प्रवेश द्वार से 160 मीटर लम्बी और 90 फीट गहरी है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा में चार द्वार हैं, जिनके नाम रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार, और मोक्षद्वार हैं,
भगवान राम द्वारा रावण वध के बाद पापद्वार और महाभारत युद्ध के बाद रणद्वार बंद हो गए थे
इस गुफा की खास बात यह है कि यहाँ भगवान गणेश के कटे हुए सर को स्थापित किया गया है, गणेश भगवान की इस मूर्ती को आदि गणेश कहा जाता है.
इसके अतिरिक्त इस गुफा में एक ऐसा शिवलिंग है जिसकी लम्बाई लगातार बढ़ती जा रही है.
गुफा में चार खम्बे भी हैं जो सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग को दर्शाते हैं, चारों खम्बों में से केवल कलयुग का खम्बा सबसे लम्बा है.
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