एकमात्र मंदिर जहाँ माँ काली रहती हैं अपनी बहनों के साथ

30 october 2023

Pic Credit- Social media

कालीमठ मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ से केवल 20 km की दूरी पर स्थित है.

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माँ काली को समर्पित इस मंदिर में काली माता की कोई मूर्ती नहीं है बल्कि यहाँ माँ काली के एक श्री यंत्र की पूजा की जाती है।  

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इस यंत्र को नवरात्री के आठवें दिन मंदिर से बाहर निकाला जाता है और मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा ही आधी रात को श्री यंत्र की पूजा की जाती है। 

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समुद्रतल से  1800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ माँ काली के साथ-साथ उनकी बहनों माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती के मंदिर भी देखने को मिलते हैं। 

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इसके अतिरिक्त यहां पर महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, गौरी मंदिर और भैरव मंदिर स्थित हैं। यहां अखंड ज्योति निरंतर जल रही है। 

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मान्यता है कि माँ काली ने इसी स्थान पर रक्तबीज नामक राक्षस का वध किया था और यहीं पर महाकाली मंदिर के गर्भ गृह में समां गयीं 

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इसी स्थान पर सिद्धपीठ कालीमठ से 5 km की दूरी पर कविल्ठा ग्राम में महाकवि कालिदास की जन्मस्थली भी है।  

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नवरात्री के समय कालीमठ मंदिर में बहुत बड़ी संख्या में भक्त पहुँचते हैं और माँ काली, माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। 

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Next- कपाट बंद होने के बाद इस मंदिर में होते हैं केदारनाथ समेत सभी पंचकेदारों के दर्शन

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