इस खूबसूरत जगह हुआ था भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह

30 october 2023

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था.

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यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, यहाँ विष्णु के पांचवें  अवतार, वामन अवतार की पूजा की जाती है। 

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परन्तु त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में भी जाना जाता है। 

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शिव-पार्वती के इस विवाह में स्वयं भगवान विष्णु ने पार्वती के भाई और ब्रह्मा ने पुरोहित के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया था। 

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भगवान शंकर ने पर्वतराज हिमावत की पुत्री पार्वती से मन्दाकिनी क्षेत्र के त्रियुगिनारायण गाँव में यहाँ जलने वाली अग्नि की ज्योति के सामने विवाह किया था। 

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मन्दिर के अन्दर प्रज्ज्वलित अग्नि कई युगों से जल रही है, इसलिए इस स्थल का नाम "त्रियुगी" हो गया। त्रियुगी का मतलब है वह अग्नि जो तीन युगों से जल रही है। 

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अब लाखों लोग त्रियुगीनारायण मंदिर में अपना विवाह संपन्न करने आते हैं, लोगों का मानना है की यहाँ विवाह करने से दांपत्य जीवन सुखी से व्यतीत होता है। 

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त्रियुगीनारायण से 5 km दूर गौरीकुंड में माँ पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठिन ध्यान और साधना की थी। 

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पिछले कुछ ही वर्षों में इस मंदिर में हजारों जोड़ों के विवाह संपन्न हुए हैं। त्रियुगीनारायण मंदिर में बड़ी-बड़ी हस्तियाँ शादी करने आते हैं। 

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