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देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में मंदिरों और पहाड़ों के अतिरिक्त बहुत सारी झीलें और ताल भी हैं, जिन्हें देखने हर साल हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। ऐसा ही एक ताल बधाणीताल (Badhani Taal Lake) है। यह ताल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में जखोली ब्लॉक में पढ़ता है। समुद्रतल से 2100 मीटर (7000 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित बधाणीताल अपने प्राकृतिक सौंदर्य और यहां पाई जाने वाली रंग-बिरंगी मछलियों के लिए प्रसिद्ध है। बधाणी ताल का नाम बधाणी गांव के नाम पर पड़ा है।
माना जाता है कि यह ताल भगवान विष्णु की नाभि से निकली जलधारा से बना है, इस ताल की मछलियों को मारना वंचित है।
बधाणी ताल सामान्य जानकारी (Badhani Taal Lake Facts)
स्थान | रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड |
ऊँचाई | 7000 फीट |
क्षेत्रफल | लगभग 1 वर्ग km |
गहराई | लगभग 100 फीट |
पानी का तापमान | 20-30 डिग्री सेल्सिअस |
मौसम | ठंडा |
आकर्षण | रंग-बिरंगी मछलियाँ, जखोली गांव धरकुड़ी गांव, त्रिजुगीनारायण मंदिर |
बधाणी ताल इतिहास और ताल की मान्यताएं (Badhani Taal History)
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बधाणी ताल (Badhani Taal Lake) के बारे में अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं जिनमें से 2 मुख्य हैं, पहली मान्यता के अनुसार बधाणी ताल में त्रियुगीनारायण मंदिर के समीप स्थित विष्णु कुंड से जल आता है। केदारनाथ मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध त्रियुगीनारायण मंदिर में हज़ारों साल पहले एक यज्ञ हुआ था, इस यज्ञ में जो जौ, तिल और अन्य सामग्री का प्रयोग किया गया था वो सब इस ताल में बहकर आये थे।
दूसरी मान्यता भी त्रियुगीनारायण मंदिर से ही जुड़ी हुई है, कहा जाता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस विवाह में विष्णु भगवान ने माँ पार्वती के भाई के रूप में और ब्रह्मा ने पुरोहित के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार बधाणी में भगवान त्रियुगीनारायण का सिद्ध स्थान है और शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु भगवान ने अपनी नाभि से एक जलधारा निकालकर इस कुंड का निर्माण किया था।
बधाणीताल में फेस्टिवल (Badhani Taal Festival)
भगवान विष्णु को समर्पित बधाणी ताल बहुत पवित्र माना जाता है, यहां वर्षभर विशेष धार्मिक आयोजन और त्योहार मनाए जाते हैं। स्थानीय लोगों की माने तो बधाणी ताल (Badhani Taal Lake) में पंचमी, मकर संक्रांति, पूर्णिमा और अमावस्या आदि पर्वों पर स्नान करने से पुण्य मिलता है। इन पर्वों पर देश के कोने-कोने से लोग बड़ी संख्या में यहां घूमने और स्नान करने आते हैं।
प्रतिवर्ष बैशाखी के दिन बधाणीताल के किनारे भव्य मेला लगता है। इस मेले में मुख्यतः स्थानीय क्षेत्रों के निवासी बड़ी संख्या में देखने आते हैं, मेले के दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हैं और लोकगायकों द्वारा उत्तखण्ड के लोकगीत गाये जाते हैं।
बधाणीताल की रंग-बिरंगी मछलियां आकर्षण का केंद्र (Badhani Taal Colourful Fishes)
बधाणीताल में अनेकों रंग-बिरंगी मछलियां पाई जाती हैं, ये मछलियां यहां आने वाले सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। यह ताल भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण मछलियों को भी भगवान का दैवीय रूप माना जाता है। इन मछलियों को किसी के द्वारा क्षति नहीं पहुंचाई जाती है। सर्दियों के समय झील चारों ओर से बर्फ की सफेद चादर से ढक जाती है जो इस क्षेत्र को ओर भी मनमोहक बना देता है।
बधाणी ताल जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Badhani Taal)
गर्मियों में बधाणीताल जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून है, वहीं अगर आप सर्दियों में यहाँ आते हैं तो सितंबर से जनवरी तक का समय सबसे अच्छा रहता है।
मानसून के समय ना करें यात्रा (Avoid Travelling in Mansoon Season)
ध्यान रखें मानसून में कभी भी उत्तराखंड या पहाड़ी इलाकों में घूमने की योजना ना बनाएं क्योंकि इस समय आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, मानसून के समय यहां की सड़कों को स्थिति बहुत ही खराब रहती है और जगह-जगह पहाड़ो के टूटने और पत्थर गिरने का खतरा रहता है। कभी अधिक बारिश होने या बादल फटने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं तो कहीं भूस्खलन होता रहता है। कृपया मानसून में पहाड़ों पर घूमने की योजना न बनाएं।
बधाणी ताल कैसे पहुंचे (How To Reach Badhani Taal)
फ्लाइट से बधाणीताल (By Flight)
बधाणीताल तक पहुंचने का एकमात्र जरिया सड़क मार्ग है। यदि आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो आप दिल्ली से देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट तक फ्लाइट ले सकते हैं। देहरादून से आगे का सफर आपको बस टैक्सी या कार से ही करना होता है।
ट्रेन से बधाणीताल (By Train)
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ट्रेन सुविधा केवल ऋषिकेश तक ही उपलब्ध है, ऋषिकेश (137 km) बधाणीताल से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। हालांकि, अधिकतर लोग हरिद्वार तक ट्रेन का सफर करते हैं। हरिद्वार से आपको रुद्रप्रयाग के लिए बहुत सारी बसें मिल जाएगी।
रोड से बधाणीताल (By Road)
हरिद्वार-ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-धारीदेवी-रुद्रप्रयाग-तिलवाडा-मयाली-बधाणी ताल
देहरादून से बधाणीताल की कुल दूरी 250 किलोमीटर और ऋषिकेश से यह दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। यहां से आप बस में आगे का सफर कर सकते हैं। रुद्रप्रयाग पहुंचने के बाद ताल की दूरी 60 km की रह जाती है। रुद्रप्रयाग से 9 km की दूरी पर तिलवाड़ा मार्केट है, तिलवाड़ा में मयाली तक के लिए आपको लोकल टैक्सी आराम से मिल जाती हैं। मयाली से कुछ ही km की दूरी पर बधाणीताल स्थित है।
बधाणीताल ट्रेक (Badhani Taal Trek)
यहाँ पहुंचने के लिए कोई ट्रेक नहीं करना पड़ता है, ताल अच्छी तरह से सड़कों से जुड़ा हुआ है। सड़क से केवल 200 मीटर का छोटा सा ट्रेक है और आप बधाणीताल पहुंच जाते हैं। यह ट्रेक गांव के बीच से होते हुए जाता है।
बधाणीताल में कहाँ रुकें (Where To Stay In Badhani Taal)
बधाणी ताल, बधाणी गाँव में है। यहाँ आपको रहने के लिए होमस्टे मिल जाते हैं। अगर आप होटल में रहना चाहते हैं तो मयाली मार्केट में आपको अपने बजट के अनुसार होटल मिल जायेंगे। अधिकतर होटलों में उत्तराखंड का लोकल फ़ूड ही आपको खाने को मिलता है।
पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा बधाणी ताल (Badhani Taal New Travek Attaction)
बधाणीताल की सुन्दरता और रंग-बिरंगी मछलियों की प्रति यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन द्वारा इस ताल तो पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर कार्य किया जा रहा है, ताकि लोग उत्तराखंड के कम प्रसिद्द, लेकिन आकर्षक जगहों के बारे में भी जान पाएं और यहाँ पर्यटकों के संख्या में ज्यादा से ज्यादा इजाफा हो।
FAQs
Q- बधाणीताल कहाँ है?
Ans- बधाणीताल उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लाक में स्थित है।
Q- बधाणीताल किसलिए प्रसिद्द है?
Ans- बधाणी ताल अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए प्रसिद्द है, ताल में मिलने वाली रंग-बिरंगी मछलियाँ यहाँ आने वाले सैलानियों का मन मोह लेती हैं।
Q- बधाणीताल कैसे पहुँचें?
Ans- हरिद्वार-ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-धारीदेवी-रुद्रप्रयाग-तिलवाडा-मयाली-बधाणी ताल, इस रूट के जरिये आप बधाणीताल पहुँचते हैं।
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