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रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड संपूर्ण जानकारी || Rudranath Temple Uttarakhand In Hindi

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रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड
Credit- Hirak Sinha

रुद्रनाथ महादेव मंदिर (Rudranath temple uttarakhand) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल है। हिमालयी श्रृंगों के बीच स्थित भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर पंचकेदार (केदारनाथ, तुंगनाथ, मद्महेश्वर, रुद्रनाथ, कल्पेश्वर) में से चतुर्थ केदार है और यहाँ भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है, मंदिर, चमोली जिले में गोपेश्वर के नजदीकी सगर गांव से 18 किमी की दूरी पर है और यह ट्रेकिंग के लिए काफी प्रसिद्ध है।

मंदिर की वास्तुकला भी बेहद आकर्षक है और यहां के धार्मिक त्यौहार भी उत्साह से मनाए जाते हैं। मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करना भक्तों के लिए एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव का अवसर प्रदान करता है। आज के आर्टिकल में हम आपको रुद्रनाथ मंदिर (Rudranath Temple uttarakhand) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

Table of Contents

रुद्रनाथ मंदिर इतिहास और कहानी- Rudranath Temple History/Story

रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड
Credit- Slawomir Barcz

रुद्रनाथ मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। इस मंदिर को महाभारत काल से जोड़ा जाता है। रुद्रनाथ मंदिर के नाम का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।

Rudranath Temple Story: पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है कि जब पांडवों ने कुरुक्षेत्र में कौरवों को हरा कर महाभारत का युद्ध जीता तो उन्हें अपने ही द्वारा अपने प्रियजनों का वध करने पर बड़ी पीड़ा पहुंची, इसलिए पांडवों ने इस समस्या का समाधान पाने के लिए शिव की शरण में जाना चाहा, लेकिन भोलेनाथ, पांडवो को दर्शन नहीं देना चाहते थे। पांडवो से पीछा छुड़ाने के लिए भगवान शिव केदारनाथ आ गए लेकिन पांडव भी उनके पीछे पीछे वहीं आ पहुंचे।

तब भगवान शिव ने बैल का रूप धारण कर लिया और अन्य बैलों के झुंड में घुस गए ताकि पांडव उन्हें पहचान न सकें लेकिन पांडवों ने इस बात को भांप लिया और महाबली भीम ने शिव को पकड़ने के लिए विशालकाय रूप धारण किया और उन्हें पकड़ने की कोशिश में भगवान शिव नीचे गिर गए और भीम के हाथ में बैल का कूबड़ आया, जो केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में है। बाकी हिस्से गढ़वाल क्षेत्र के चार अलग-अलग हिस्सों में दिखाई दिए। उन सभी क्षेत्रों में आज भगवान शिव के मंदिर हैं और इन्ही पांच क्षेत्रों को पंचकेदार के नाम से भी जाना जाता है।

कूबड़ केदारनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, हाथ/भुजाएं, तुंगनाथ में, जटाएं/केश कल्पेश्वर में और नाभि, मदमहेश्वर में दिखाई दिए। ये सभी जगहें पंच केदार के नाम से जानी जाती हैं और हर वर्ष इन सभी मंदिरों के कपाट खुलते हैं और हज़ारों-लाखो की संख्या में यहां शिवभक्त पहुंचते हैं।

रुद्रनाथ मंदिर का महत्व- Rudranath Temple Singnificance

रुद्रनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह भगवान शिव को समर्पित है, और इसे पंच केदार मंदिरों में से एक माना जाता है।

  • यह भगवान शिव के पांच स्वरूपों में से एक, रुद्र को समर्पित है।
  • यह मंदिर सर्वप्रथम पांडवों द्वारा बनाया गया था।
  • ऐसा माना जाता है कि जो लोग मंदिर में भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें उनके पापों से मुक्ति मिलती है।
  • मंदिर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। आसपास के पहाड़, जंगल और घास के मैदान यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करते हैं।
  • रुद्रनाथ मंदिर (Rudranath Temple uttarakhand) के 18 km लम्बे ट्रेक में आपको सगर गाँव, तुंग बुग्याल, गिमगिमा पानी और पित्रधार जैसे अनेक पर्यटक स्थल मिलेंगे, जिन्हें देखने के लिए लोग देश के कोने-कोने से यहाँ आते हैं।

रुद्रनाथ मंदिर भौगोलिक स्थिति- Rudranath mandir kahan hai

रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में चमोली जिले में स्थित है। मंदिर समुद्रतल से 3600 मीटर (11,811 फ़ीट) की ऊंचाई पर है। यहां पहुंचने के लिए 3 रास्तों का प्रयोग किया जाता है, पहला हेलंग से, दूसरा मंडल से और तीसरा सगर गांव से। तीनों रास्तों में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला रास्ता सगर गांव से शुरू होता है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए 18 km का ट्रैक है। अगर आप पैदल चलने में समर्थ नहीं हैं तो आप घोड़े-खच्चरों से भी यात्रा कर सकते हैं। घोड़े पर ट्रेक का दोनों तरफ का रेट करीब 5000 रुपए है। हालांकि यात्रा सीजन में रेट बढ़ कर 6000 तक हो जाते है ।

रुद्रनाथ मंदिर की संरचना-Rudranath Temple Architecture-Structure

रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड
Credit- Satish Kedarkid

चारों तरफ ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरे रुद्रनाथ मंदिर (Rudranath Temple uttarakhand) में भगवान शिव के बैलरूपी मुख की पूजा की जाती है, यहां स्थित शिवलिंग (Rudranath Shivling) श्रद्धालुओं में मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

रुद्रनाथ शिवलिंग प्राकृतिक रूप से यहां प्रकट हुई थी, इस शिवलिंग की गर्दन टेडी है और यह बैल के मुख की आकृति में है। रुद्रनाथ शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है।

चतुर्थ केदार रुद्रनाथ महादेव- Rudranath Shiv Mandir

रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड
Credit- Gopal Adhikari

रुद्रनाथ महादेव उत्तराखंड में स्थित पंच केदारों में से चतुर्थ केदार हैं जहां भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है। अन्य चार केदारों में केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर और कल्पेश्वर महादेव हैं।

पित्रधार में करें पिंडदान- Pitradhar Rudranath)

रुद्रनाथ मंदिर ट्रेक का अंतिम पड़ाव पित्रधार, अपने पित्रों का पिंडदान करने के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। यह स्थान मंदिर से 5 किलोमीटर पीछे है, मानते हैं कि यहां आने वाले लोग पित्र धार में अपने पित्रों के नाम का पत्थर रखते हैं और उनसे आशीर्वाद बनाये रखने की कामना करते हैं।

वैतरणी, बैतरणी, रुद्रागंगा नदी रुद्रनाथ- Vaitarani, Rudraganga River Rudranath

रुद्रनाथ मंदिर के पास में वैतरणी, बैतरणी या रुद्रगंगा नाम से एक नदी बहती है। पुराणों में, गरुड़ पुराण के अनुसार मनुष्य आत्मा अपनी तेरहवीं के दिन वैतरणी नदी को पार करके ही यमलोक जाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह वही वैतरणी नदी है और वे लोग इसे मोक्ष प्राप्ति नदी भी कहते हैं। इस नदी में भगवान शिव और विष्णु की पत्थर से बनी मूर्तियां भी हैं और कई लोग इस नदी में भी अपने पित्रों का पिंडदान करते हैं।

रुद्रनाथ मंदिर आस-पास दर्शनीय स्थल- Places Near Rudranath Temple in Hindi

मंदिर (Rudranath Temple) पहुंचने के बाद आपको आसपास के दृश्य बहुत ही मनमोहक और लुभावने लगेंगे। मंदिर के आसपास अनेक छोटे-बड़े कुंड हैं। यह सभी कुंड पांडवों की माता कुन्ती और पत्नी द्रौपदी को समर्पित है। इन कुंडों के अतिरिक्त यहां 6 मुख्य कुंड हैं जो मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। ये कुंड निन्म हैं-

  • मानस कुंड
  • नारद कुंड
  • चंद्र कुंड
  • सूर्य कुंड
  • तारा कुंड
  • सरस्वती कुंड

रुद्रनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय- Best Time To Visit Rudranath Temple in Hindi

रुद्रनाथ महादेव मंदिर के कपाट अप्रैल-मई में खुलते हैं, कपाट खुलने के बाद आप मानसून सीजन को छोड़कर अन्य किसी भी समय रुद्रनाथ महादेव के दर्शन के लिए जा सकते हैं। मानसून के समय (जुलाई-अगस्त) उत्तराखंड में यात्रा करने की योजना न बनायें, इस समय सड़कों की स्थिति दयनीय रहती हैं और जगह-जगह बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ों का टूटना, बादल फटना आदि अनेक प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे में मानसून सीजन में यहाँ यात्रा करना एक अच्छा निर्णय नहीं होगा।

रुद्रनाथ मंदिर कैसे जाएं- How to Reach Rudranath Temple in Hindi

रुद्रनाथ महादेव मंदिर पहुंचने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन या बस, टैक्सी का प्रयोग कर सकते हैं।

फ्लाइट से रुद्रनाथ कैसे पहुंचे- How to Reach Rudranath By Flight in Hindi)

यदि आप फ्लाइट से रुद्रनाथ महादेव मंदिर यात्रा करना चाहते हैं तो आप दिल्ली से जौलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून तक फ्लाइट से यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली से देहरादून के लिए फ्लाइट आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। देहरादून से आगे आपको फ्लाइट नहीं मिलेगी यहां से आगे का सफर आपको बस या टैक्सी से ही करना होता है।

ट्रेन से रुद्रनाथ कैसे पहुंचे- How to Reach Rudranath By Train in Hindi

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के लिए ट्रेन की सुविधा केवल देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश तक ही उपलब्ध है। रुद्रनाथ मंदिर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।

बस से रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचे- (How to Reach Rudranath Temple By Road in Hindi

देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश से आपको चमोली स्थित गोपेश्वर शहर जाना होगा, जो रुद्रनाथ महादेव मंदिर (Rudranath Temple) से निकटतम शहर है। गोपेश्वर से आपको सगर गांव पहुंचना होगा। यह सड़क मार्ग है और आप यहां पहुँचने में अपनी खुद की गाड़ी या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। सगर गांव से ही रुद्रनाथ महादेव मंदिर जाने के लिए 18 km का ट्रैक शुरू होता है।

यदि आप हरिद्वार-ऋषिकेश से अपनी यात्रा सुबह जल्दी शुरू करते हैं तो आप 1 ही दिन में सही समय पर सगर गांव पहुंच जाते हैं, यहां आपको अपने बजट के अनुसार होटल या होमस्टे मिल जाएंगे, जहां आप उत्तराखंड के लोकल फ़ूड का भी आनंद ले सकते हैं।

रुद्रनाथ महादेव मंदिर ट्रेक- Rudranath Temple Trek in Hindi)

Credit- Rudra Boy hari bist

रुद्रनाथ महादेव मंदिर जाने के लिए मुख्यतः तीन ट्रैक उपलब्ध है। पहला हेलंग से, दूसरा मंडल से और तीसरा सगर गांव से। लेकिन सगर गांव से शुरू होने वाला ट्रैक सबसे अधिक प्रचलित है। सगर गांव से आपको रुद्रनाथ महादेव मंदिर (Rudranath Temple) तक पैदल ट्रेक करना होगा। यदि आप पैदल ट्रेक करने में समर्थ नहींहैं तो आप घोड़े-खच्चरों का सहारा ले सकते हैं, जिनका रेट 5000 से 6000 तक रहता है।

सगर गांव से रुद्रनाथ मंदिर ट्रेक- Sagar Village To Rudranath Trek

यह ट्रेक लगभग 18 किलोमीटर लंबा है। इंटरनेट पर कहीं-कहीं ट्रैक की लंबाई 24 किलोमीटर बताई जाती है। ट्रेक शुरुआत में थोड़ा मुश्किल है लेकिन तुंग बुग्याल के बाद ट्रेक आसान हो जाता है। रुद्रनाथ (Rudranath Temple) ट्रेक को दो दिन में आसानी से पूरा किया जा सकता है।

दिन 1: सगर गांव से ट्रेक की शुरुआत सुबह जल्दी करें, यहां से लगभग 4 km की दूरी पर यात्रा का पहला पड़ाव तुंग बुग्याल है। तुंग बुग्याल में 10 से 12 लोगों के खाने और रहने की पर्याप्त व्यवस्थाएं मिल जाती हैं। यहां से आगे कुछ किलोमीटर की दूरी पर ल्वीटी बुग्याल पड़ता हैं यहां पर भी 30-35 लोगों के कहने और रहने की व्यवस्था है। यहां पर एक रात ठहरने और खाने का रेट 400 रुपए है। हालांकि यात्रा सीजन में रेत बढ़ सकते हैं।

अगर आप एक दिन में मंदिर तक पहुंचने में समर्थ नहीं हैं तो आपको रुद्रनाथ महादेव ट्रेक में खाने और रहने की पूरी व्यवस्था मिल जाती है। ल्वीटी बुग्याल से आगे आपको मिनी पनार और पनार बुग्याल मिलेंगे। इस ट्रक में ये आखिरी स्थान है जहां आपको खाने और रहने की व्यवस्था मिलेगी, इस से आगे न तो फ़ोन के नेटवर्क आते हैं और ना ही कोई व्यवस्थायें मिलती हैं। अगर आप चलने में समर्थ हैं तो ही पनार बुग्याल से आगे बढ़ें।

दिन 2: यदि आप चलने में समर्थ हैं तो ट्रेक एक दिन में भी पूरा किया जा सकता है, लेकिन बाहर से आये बहुत सारे लोगों के लिए ये एक मुश्किल कार्य हो सकता है। लोग यहां अपने टेंट भी लेकर आते हैं और ट्रेक पर कहीं भी टेंट लगाकर यहां की खूबसूरती का आनंद लेते हैं। पनार बुग्याल से ऊपर रास्ता बहुत मुश्किलों भरा नहीं है, यहां से सुबह जल्दी यात्रा शुरू करें ताकि आपके पास वापस आने का पर्याप्त समय हो।

पनार बुग्याल के बाद पित्रधार नामक स्थान पड़ता है यह यात्रा का अंतिम पड़ाव है और इसके बाद कुछ किलोमीटर की दूरी पर रुद्रनाथ महादेव मंदिर के दर्शन होते हैं और शिव के दर्शन करके आपकी रास्ते की सारी थकान दूर हो जाती है। अब आप दर्शन करने और कुछ समय मंदिर में बिताने के बाद यहां से नीचे का ट्रैक शुरू करें। नीचे आते समय ट्रेक आसान होता है तो आप उसी दिन सगर गांव तक वापस पहुंच सकते हैं।

हेलंग से रुद्रनाथ ट्रेक- Helang To Rudranath Trek

यदि आप हेलंग से रुद्रनाथ मंदिर का ट्रेक करते हैं तो आप रुद्रनाथ के अतिरिक्त पंचकेदारों में से एक कल्पेश्वर महादेव के भी दर्शन कर सकते हैं। यह ट्रेक लगभग 45 km लंबा है।

यह ट्रेक जोशीमठ के नजदीक हेलंग से शुरू होता है। हेलंग से बढ़ते हुए आप उर्गम घाटी पहुंचते हैं, उर्गम घाटी में ही कल्पेश्वर महादेव स्थित हैं। कल्पेश्वर महादेव के दर्शन करके बंसी–नारायण-पनार होते हुए रुद्रनाथ (Rudranath Temple) पहुंचते हैं।

मंडल से रुद्रनाथ ट्रेक- Mandal To Rudranath Trek

इस ट्रेक में आप अनुसूया माता के दर्शन कर सकते हैं। मंडल गांव, गोपेश्वर चमोली से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंडल गांव से अनुसूया मंदिर की डोर केवल 5 km होगी। लोग इस ट्रेक की शुरआत माता के दर्शन करने के बाद करते हैं। मंडल गांव से रुद्रनाथ ट्रेक 23 km है।

Note: ट्रैक करते समय अपने पास पर्याप्त मात्रा में पानी और खाना रख लें। पनार बुग्याल के बाद आपको कोई सुविधाएं नहीं मिलेगी। ट्रैक के दौरान आपको गिमगिमा पानी नामक स्थान मिलेगा, यहां से आप अपने लिए पानी जरूर भर लें।

रुद्रनाथ मंदिर खुलने व बन्द होने की तिथि- Rudranath Opening Date 2024

कल्पेश्वर महादेव को छोड़कर अन्य सभी चार केदारों के कपाट सर्दियों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। 6 माह बाद फिर से मंदिरों के कपाट अप्रैल-मई माह में सभी श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं और अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते हैं।

2024 में रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी घोषित नहीं की गयी है, हालाँकि मंदिर के कपाट मई माह के अंतिम दिनों में खुल सकते हैं.

रुद्रनाथ महादेव शीतकालीन गद्दी- Rudranath Mahadev Winter Seat

शीतकाल में 6 माह के लिए रुद्रनाथ महादेव की डोली को गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में लाया जाता है। पूरे शीतकाल में यहीं रुद्रनाथ महादेव की पूजा होती है। जो भक्त रुद्रनाथ का ट्रैक करने में असमर्थ हैं या फिर यात्रा सीजन में मंदिर नहीं जा पाए, वो गोपीनाथ मंदिर आकर महादेव के दर्शन करते हैं।

मंदिर में पूजा का समय- Rudranath Temple Timings

यात्रा सीजन में मंदिर प्रतिदिन सुबह 6 बजे खुलता है और शाम को 7 बजे बंद हो जाता है। मंदिर में 8 बजे सुबह की आरती की जाती है और शाम को कपाट बढ़ने से पहले 6:30 बजे के करीब आरती होती है। इस बीच पूरे दिनभर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।

रुद्रनाथ मंदिर डोली यात्रा- Rudranath Doli Yatra

Credit- Satish Kedarkid

हर वर्ष अप्रैल-मई के माह में रुद्रनाथ भगवान के कपाट खुलते हैं, जिसके लिए एक तिथि घोषित की जाती है। रुद्रनाथ यात्रा डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से शुरू होती है और रुद्रनाथ मंदिर तक पहुँचती है, जब रुद्रनाथ के कपाट सर्दियों के लिए बंद होते हैं तो डोली को फिर से गोपीनाथ मंदिर में लाया जाता है।

रुद्रनाथ मंदिर मौसम- Rudranath Temple Weather

साल के अधिकतर महीनों में मंदिर बर्फ से ढका होता है। यहां मौसम वर्षभर ठंडा ही रहता है। केवल गर्मियों में कुछ महीने मौसम सही रहता है। उसी समय गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ महादेव डोली को रुद्रनले जाया जाता है।

रुद्रनाथ मंदिर फेस्टिवल- Rudranath Temple Festival

प्रत्येक वर्ष मंदिर में सावन के माह विशेष आयोजन किया जाता है। इस फेस्टिवल में स्थानीय लोग अधिक से अधिक संख्या में भाग लेते हैं। ये आयोजन मुख्यतः रक्षाबंधन के दिन किया जाता है।

रुद्रनाथ में कहां रुकें- Where To Stay In Rudranath

रुद्रनाथ मंदिर बहुत ऊंचाई पर स्थित है यहां रहने खाने की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है लेकिन ट्रेक के दौरान आपको रास्ते में बहुत सारी ऐसी जगह मिल जाएगी जहां आप रुक सकते हैं या फिर आप अपने साथ टेंट लेकर कहीं भी टेंट लगा सकते हैं। सगर गांव में आपको अपने बजट में बहुत सारे होमस्टे मिल जाते हैं।

रुद्रनाथ मंदिर एंट्री फीस- Rudranath Temple Entry Fee

मंदिर में कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है, हालांकि यदि आपके पास कोई प्लास्टिक का सामान है तो आपसे 100 रुपये तके का चार्ज लिया जाता है। ये पैसे आपको वापसी में लौटा दिया जाता है। इसका कारण मंदिर का केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य के अन्तर्गत आता है।

रुद्रनाथ मंदिर ट्रेक में क्या करें- Things To Do In Rudranath Temple

  • ट्रैकिंग
  • कैंपिंग
  • हाईकिंग
  • वाइल्ड लाइफ वाचिंग

रुद्रनाथ मंदिर दर्शनीय स्थल (Places To Visit Near Rudranath Temple)

गोपीनाथ मंदिररुद्रनाथ महादेव की शीतकालीन गद्दी।
कल्पेश्वर मंदिरभगवान शिव के केशों की पूजा।
तुंगनाथ मंदिरदुनिया मे सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर।
अनुसूया माता मंदिररुद्रनाथ ट्रेक में।

FAQs

Q- रुद्रनाथ मंदिर कहाँ स्थित है?

Ans- रुद्रनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।

Q- रुद्रनाथ मंदिर के लिए कितने किलोमीटर का ट्रेक करना पड़ता है?

Ans- रुद्रनाथ मंदिर के लिए सगर गाँव से 18 km का ट्रेक है।

Q- उत्तराखंड में स्थित पंचकेदार कौन से हैं?

Ans- उत्तराखंड में स्थित पंचकेदार- केदारनाथ, तुंगनाथ, मद्महेश्वर, कल्पेश्वर और रुद्रनाथ महादेव हैं। इन सभी मंदिरों में शिव के बैल रुपी शरीर के अलग-अलग भागों की पूजा होती है।

Q- रुद्रनाथ मंदिर कैसे पहुंचें?

Ans- ऋषिकेश से गोपेश्वर 210 km है, हरिद्रार-ऋषिकेश से आप बस या टैक्सी में गोपेश्वर तक सफ़र कर सकते हैं, गोपेश्वर से 5 km की दूरी पर सगर गाँव है, जहाँ से रुद्रनाथ मंदिर के लिए ट्रेक शुरू होता है। सगर गाँव में आपको बहुत सारे होमस्टे मिल जायेंगे, एक रात यहाँ बिताने के बाद आप अगली सुबह अपनी यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं।

Q- रुद्रनाथ ट्रेक के लिए जरुरी चीजें?

Ans- रुद्रनाथ ट्रेक 18 से 20 km का मुश्किल ट्रेक है, ट्रेक करने से पहले आपको पानी, खाना, टेंट, गर्म कपडे, रेनकोट, दस्ताने, मेडिकल किट आदि जरुरी सामान अवश्य रखें।

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