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मुनस्यारी हिल स्टेशन उत्तराखंड की पूरी जानकारी | Top 10 Places To Visit In Munsiyari In Hindi | Munsiyari Hill Station

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मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल्स स्टेशन (Munsiyari Hill Station) और पर्यटन स्थल है। मुनस्यारी हिल स्टेशन हर वर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। भारत, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से लगा हुआ मुनस्यारी क्षेत्र चारों तरफ से बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है। सुन्दरता की दृष्टि से मुनस्यारी “कश्मीर” से कम नहीं है, यही कारण है की मुनस्यारी उत्तराखंड को “छोटा कश्मीर” (Mini Kashmir) के नाम से भी जाना जाता है।

Credit- Kailash Bisht

पिछले कुछ वर्षों में मुनस्यारी पर्यटकों में खूब आकर्षण का केंद्र रहा है, बहुत ही कम समय में मुनस्यारी उत्तराखंड और पिथौरागढ़ जिले के सबसे तेजी से बढ़ने वाले पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है। प्रकृति प्रेमी यहाँ गर्मियों की छुटियाँ मनाने, सर्दियों में बर्फ का आनंद लेने, ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए आते हैं। मुनस्यारी के ठीक सामने हिमालय पर्वत श्रृंखला और पंचाचूली नाम से प्रसिद्ध हिमालय की पांच चोटियाँ यहाँ आने वाले पर्यटकों को खूब लुभाती हैं।

आज के आर्टिकल में हम मुनस्यारी उत्तराखंड के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए आस पास के सभी दर्शनीय स्थलों के बारे में भी सम्पूर्ण जानकारी देंगे, ताकि यहाँ घूमने आने से पहले आपके मन में कोई सवाल न रहे।

Table of Contents

मुनस्यारी उत्तराखंड का इतिहास – Munsiyari History In Hindi

ऐतिहासिक रूप से महत्व रखने वाला मुनस्यारी हिल स्टेशन (Munsiyari Hill Station) पहले के समय में भारत और तिब्बत के बीच व्यापार का केंद्र हुआ करता था। यहाँ मुख्य रूप से पाई जाने वाली जनजातियाँ शौका और भोटिया पूर्ण रूप से इसी व्यापार पर आश्रित थे। मुनस्यारी गौरी गंगा और मिलम के बीच के क्षेत्र को कहा जाता है। जब 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ तो यह व्यापार मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया और यहाँ रहने वाली जनजातियों को आय के दूसरे साधन अपनाने पड़े।

1963 में यहाँ बहुत कम मकानें थी, उस समय यहाँ का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ था। स्कूल और सड़क की कोई व्यवस्था नहीं थी, मुनस्यारी क्षेत्र के अंतिम गाँव मिलम में ही एकमात्र स्कूल था।आगे की पढाई करने के लिए बहुत दूर अल्मोड़ा या पिथोरागढ़ जाना पढता था, 1971 में मुनस्यारी को पिथोरागढ़ जिले की एक तहसील के रूप में विकसित किया गया तब यहाँ सड़क बनायीं गयी।

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मुनस्यारी उत्तराखंड की कहानी – Munsiyari Story In Hindi

पौराणिक कहानियों और उत्तराखंड लोक कथाओं में मुनस्यारी उत्तराखंड का उल्लेख मिलता है, कहा जाता है कि मुनस्यारी हिल स्टेशन (Munsiyari Hill Station) वही स्थान है जहाँ से पांडवों ने स्वर्गारोहण की अपनी यात्रा शुरू की थी। मुनस्यारी के ठीक सामने स्थित पंचाचूल पर्वत को इस यात्रा के साक्षी के रूप में माना जाता है। पंचाचूल पर्वत पर पांच चोटियाँ है, इन चोटियों को पांच पांडवों से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है की पांडवों की धर्मपत्नी द्रौपदी ने स्वर्गारोहण यात्रा करने से पहले अंतिम बार इसी स्थान पर भोजन पकाया था। मुनस्यारी में पंचाचूल पर्वत पर्यटकों में खूब आकर्षण का केंद्र है।

मुनस्यारी उत्तराखंड में कहाँ घूमें – Best Places To Visit In Munsiyari In Hindi

उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में मुनस्यारी का प्रमुख स्थान है, प्रकृति की गोद में बसे और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से घिरे इस हिल स्टेशन में आपको ऐसे अनेक पर्यटन स्थल मिल जायेंगे जो आपको एक अनोखा शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।

मुनस्यारी में पंचाचूली चोटी – Panchachuli Peaks Munsiyari In Hindi

Credit- Ratan Patwal

पिथौरागढ़ की जोहार घाटी में स्थित इस पंचाचुली पर्वत पर पांच चोटियाँ हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार इन चोटियों को पांडवों का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार पंचाचुली पर्वत प्रकृति के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी महत्व रखता है। पंचाचुली पर्वत पर सबसे पहले चढ़ाई इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की एक टीम ने 1972 में हुकम सिंह के नेतृत्व में की थी। देशभर से लोग पंचाचुली पर्वत को देखने आते हैं।

बिरथी फाल्स मुनस्यारी – Birthi Falls In Munsiyari In Hindi

Credit- Vs Raghavan

400 फीट ऊँचा यह बिरथी फाल मुनस्यारी हिल स्टेशन (Munsiyari Hill Station) से 35 km की दूरी पर और अल्मोड़ा से मुनस्यारी के बीच तेजम नामक स्थान से 14 km की दूरी पर स्थित है। यह झरना मुनस्यारी मार्ग पर पड़ने से पर्यटकों में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, मानसून के समय जुलाई-अगस्त में बिरथी फॉल की सुन्दरता देखते ही बनती है। झरने तक पहुँचने के लिए एक छोटा सा ट्रेक करना पड़ता है, फिर आप खूबसूरत जंगलों से घिरे इस मनमोहक बिरथी फॉल तक पहुँचते हैं। विदेशों से भी लोग इस झरने को देखने आते हैं।

ट्यूलिप गार्डन मुनस्यारी उत्तराखंड- Tulip Garden Munsiyari Uttarakhand

मुनस्यारी उत्तराखंड
Credit- Tourscave

पिथौरागढ़ में यह ट्यूलिप गार्डन समुद्रतल से 9000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मुनस्यारी ट्यूलिप गार्डन 30 एकड़ क्षेत्र पर फैला हुआ है, यह क्षेत्र पिछले कई सालों से बंजर पड़ा हुआ था। पिथौरागढ़ वन विभाग और स्थानीय लोगों की एक साल की मेहनत से इस क्षेत्र को ट्यूलिप गार्डन के रूप में विकसित किया गया है। आज हर कोई मुनस्यारी ट्यूलिप गार्डन देखना चाहता है, यहाँ खिले सुंदर ट्यूलिप और अन्य प्रजातियों के फूल इस स्थान की सुन्दरता पर चार चाँद लगा देते हैं।

मुनस्यारी इको पार्क स्थित इस ट्यूलिप गार्डन को व्यावसायिक रूप से विकसित करने की योजना है, यहाँ आपको स्थानीय उत्पादों के स्टाल भी देखने को मिलते हैं। अगर आप मुनस्यारी जा रहे हैं तो ट्यूलिप गार्डन के दीदार जरुर करें, सुंदर-सुन्दर फूलों के साथ हिमालय के नज़ारे देखना एक अलग अनुभव देता है।

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एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन- Asia’s Largest Tulip Garden Munsiyari

  • मुनस्यारी ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है, इससे पहले जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन था।
  • मुनस्यारी ट्यूलिप गार्डन 30-50 एकड़ क्षेत्र पर फैला हुआ है।
  • यहाँ नीदरलैंड से ट्यूलिप बीज आयात किये जाते है।
  • मुनस्यारी ट्यूलिप गार्डन पंचाचुली पर्र्वत की तलहटी पर बनाया गया है, यहाँ से पंचाचुली के नज़ारे और भी आकर्षक और मनमोहक नजर आए हैं।
  • मुनस्यारी हिल स्टेशन में यह ट्यूलिप गार्डन घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

नंदा देवी मंदिर मुनस्यारी – Nanda Devi Temple Munsiyari In Hindi

मुनस्यारी उत्तराखंड
Credit- Manju M Nath

उत्तराखंड में माता पार्वती को नंदा देवी के रूप में जाना जाता है। उत्तराखंड में नंदादेवी के मंदिर बहुत सारी जगहों पर देखने को मिलते हैं, ऐसा ही एक प्रसिद्द मंदिर मुनस्यारी में भी है। मंदिर मुनस्यारी से 3 km दूर मदकोट रोड़ पर स्थित है, मान्यता है की यह मंदिर हजार वर्ष से भी पुराना है। मुनस्यारी घूमने आने वाले पर्यटक माँ नंदादेवी का आशीर्वाद जरुर लेते हैं।

मंदिर कुमांऊ शैली में निर्मित है, हर वर्ष अगस्त माह में मंदिर में एक भव्य मेला लगता है जिसे देखने देश-विदेशों से लोग यहाँ पहुँचते हैं। कहा जाता है कि इस मेले की शुरुआत 16 वीं शताब्दी में हुई थी जो तब से अब तक लगता आ रहा है।

थमरी कुण्ड मुनस्यारी – Thamri Kund Munsiyari In Hindi

Credit- Phulari

मुनस्यारी से 10 km की दूरी पर स्थित इस कुंड का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। जिस वर्ष बारिश कम होती है तो स्थानीय लोग इस कुंड पर जाकर बारिश आने के लिए मांग करते हैं। कुंड के आसपास के बहुत सारे कस्तूरी मृग देखे जा सकते हैं, इसके अतिरिक्त यहाँ अल्पाइन और कागज के पेड़ बड़ी संख्या में देखने को मिलते हैं। पर्यटकों को यह जगह भी बड़ी पसंद आती है।

आदिवासी हेरिटेज संग्रहालय मुनस्यारी – Tribal Heritage Museum Munsiyari In Hindi

Credit- Mukesh Manjul Sharma

मुनस्यारी उत्तराखंड में आदिवासी लोगों का निवास अधिक है, यहाँ मुख्यतः भोटिया जनजाति के लोग रहते हैं। यह जनजाति अपनी विरासत को अच्छे से संभाल कर रखते हैं। आदिवासी विरासत संग्रहालय, मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह संग्रहालय मुनस्यारी से केवल 2 km की दूरी पर नन्सैन्न गाँव में सुरेंदर सिंह नामक एक व्यक्ति के घर में स्थित है। इस संग्रहालय में आप भोटिया और अन्य जनजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बैतूली धार मुनस्यारी – Betuli Dhar Munsiyari In Hindi

Credit- Rajesh Lakhera

बैतुली धार मुनस्यारी उत्तराखंड में सूर्योदय और सूर्यास्त (Munsiyari Sunrise And Sunset Point) के समय के नजारों के लिए प्रसिद्द है। यह स्थान समुद्रतल से 9000 फीट की ऊँचाई पर बलती और बालम ग्लेशियरों के बीच स्थित है, दोनों ग्लेशियरों की बर्फ बैतुली धार की सुन्दरता पर चार चाँद लगा देती है।

मिलम ग्लेशियर उत्तराखंड- Milam Glacier Uttarakhand

मिलम ग्लेशियर उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यह ग्लेशियर 3800- 5500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, कुमांऊ में बहने वाली गौरी गंगा का उद्गम इसी ग्लेशियर से होता है। मिलम ग्लेशियर पहुँचने के लिए मुनस्यारी से पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहाँ वर्षभर बर्फ रहती है और यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच का होता है। 1962 में मिलम ग्लेशियर जाने पर रोक लगा दी गयी थी, फिर से 1994 में खोल लिया गया।

मुनस्यारी का प्रमुख पर्यटन स्थल माहेश्वरी कुंड – Maheshwari Kund Munsiyari In Hindi

Credit- Vinay Kumar

माहेश्वरी कुंड मुनस्यारी से 10 km का ट्रेक करके पहुँचा जाता है, स्थानीय लोग इस कुंड को मेशर कुंड, मेहसर कुंड आदि नामों से भी जानते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस क्षेत्र के एक गाँव में एक यक्ष का निवास था, यक्ष को गाँव के सरपंच की बेटी से प्यार हो गया, लेकिन गाँव वालों ने यक्ष से उस लड़की की शादी नहीं होने दी।

इससे क्रोधित होकर यक्ष ने गाँव वालों को श्राप दिया की अगले कुछ वर्षों तक गाँव में सूखा पड़ेगा। कई साल बीत जाने के बाद गाँव वालों ने यक्ष से क्षमा याचना की, तब जाकर फिर से गाँव के इस महेश्वरी कुंड में पानी देखने को मिला। महेश्वरी कुंड से पंचाचुली की सभी चोटियों के नज़ारे स्पष्ट दिखाई देते हैं।

कालामुनी मंदिर मुनस्यारी उत्तराखंड – Kalamuni Temple Munsiyari In Hindi

Credit- Being travelers

पिथौरागढ़ में स्थित कालामुनी मंदिर की अनोखी कहानी है, माना जाता है की कालामुनी नामक एक ऋषि हिमालय से तप करने के बाद वापस लौट रहे थे, इस स्थान पर पहुँचते-पहुँचते उनके शरीर पर बहुत सरे जोंक लग गए पर उन्होंने एक भी जोंक को अपने शरीर से नहीं हटाया और ऐसे में यहीं पर उनकी मृत्यु हो गयी। मंदिर धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं, मंदिर मुख्य रूप से कालिका माता को समर्पित है लेकिन यहाँ कालामुनी ऋषि की एक प्रतिमा भी स्थापित की गयी हैं। लोग यहाँ मुनि का आशीर्वाद लेने आते हैं।

गोरी गंगा नदी मुनस्यारी – Gori Ganga River Munsiyari In Hindi

Credit- Jeewan Bhandari

गौरी गंगा का उद्गम मिलम ग्लेशियर से होता है। यह ग्लेशियर उत्तराखंड में कुमांऊ क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्लेशियर है, गौरी गंगा का जल एकदम निर्मल और स्वच्छ है। नंगी आँखों से नदी के अंदर के सभी जीव-जंतुओं को देखा जा सकता है, यह नदी राफ्टिंग में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा विकल्प प्रदान करता है। राफ्टिंग करते हुए नदी के आसपास की हरियाली के नज़ारे अत्यंत मनोरम नजर आते हैं।

दरकोट मुनस्यारी – Famous Tourist Place Darkot Munsiyari In Hindi

Credit- Nick Becenev

दरकोट गाँव, मुनस्यारी से लगभग 6 km की दूरी पर स्थित है, यहाँ मिलने वाली पश्मीना शॉल और भेड़ के ऊन से बने कम्बल विश्वप्रसिद्ध हैं। दूर-दूर से लोग यहाँ इन्हें खरीदने आते हैं, इसके अलावा दरकोट गाँव स्थानीय शिल्पकला के लिए भी जाना जाता है।

मदकोट मुनस्यारी उत्तराखंड- Madkot Munsiyari uttarakhand

Credit- Bharat Negi

मदकोट, मुनस्यारी से 5 km की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत गाँव है, मदकोट में एक गर्म पानी प्राकृतिक झील है। लोग यहाँ आकर इस झील के पानी को अपने साथ ले जाते हैं, इस झील का पानी त्वचा रोग, गठिया और बदन दर्द जैसे रोगों में लाभदायक साबित होता है।

मुनस्यारी उत्तराखंड घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Munsiyari In Hindi

मुनस्यारी उत्तराखंड में वर्षभर ठण्ड का मौसम रहता है, मुनस्यारी हिल स्टेशन में गर्मियों में घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च-जून और यदि आप सर्दियों के मौसम में बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं तो मुनस्यारी जाने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से दिसम्बर तक है। मानसून के समय मुनस्यारी के नज़ारे अत्यंत मनमोहक होते हैं पर इस समय पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं भी यात्रा करना खतरे से कहली नहीं होता है। मानसून में पहाड़ी इलाकों में अनेक प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिलती हैं।

मुनस्यारी उत्तराखंड का प्रसिद्ध भोजन – Munsiyari Famous Food In Hindi

मुनस्यारी में आप उत्तराखंड के प्रसिद्द व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते हैं। मुनस्यारी उत्तराखंड एक ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहाँ आपको अधिक होटल या रेस्टोरेंट तो नहीं मिलेंगे लेकिन बहुत सारे ढाबे जरुर मिल जायेंगे। यहाँ आप कुमांऊ के प्रसिद्द व्यंजन कुलका (Kulka), आलू के गुटखे और थिचोणी आदि का आनंद ले सकते हैं।

मुनस्यारी उत्तराखंड में कहाँ रुके – Where To Stay In Munsiyari In Hindi

Credit- Ashu Ohrie

मुनस्यारी उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, यहाँ खाने और रहने की प्रयाप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। यहाँ आपको अपने बजट के हिसाब से होटल और होमस्टे आसानी से मिल जाते हैं।

  • जौहर हिलटॉप रिसॉर्ट (Johar Hilltop Resort)
  • गोरूमगो होमस्टे मुनस्यारी (Goroomgo Homestay Munsiyari)
  • होटल लक्ष्मी लॉज (Hotel Laxmi Lodge)
  • मिलम इन्न होटल (Milam Inn Hotel)
  • पंचाचूली व्यू होटल (Panchachuli View )

मुनस्यारी उत्तराखंड कैसे पंहुचा जाये – How To Reach Munsiyari Uttarakhand In Hindi

मुनस्यारी हिल स्टेशन पहुँचने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस किसी भी साधन से आ सकते हैं।

फ्लाइट से मुनस्यारी कैसे पहुँचे – How To Reach Munsiyari By Flight In Hindi

यदि आप फ्लाइट से मुनस्यारी जाना चाहते हैं तो आपको बता दें की मुनस्यारी से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट है। यहाँ से मुनस्यारी 214 km दूर है, एअरपोर्ट के बाहर आपको टैक्सी या कार आसानी से मिल जाती हैं, यदि आप बस से मुनस्यारी आना चाहते हैं तो देहरादून बस अड्डे से बस मिल जायेंगी।

ट्रेन से मुनस्यारी कैसे जाये – How To Reach Munsiyari By Train In Hindi

यदि आप ट्रेन से मुनस्यारी की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें, ट्रेन की सुविधा निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (275 km) और टनकपुर (286 km) तक ही उपलब्ध है। यहाँ से आप टैक्सी या बस से मुनस्यारी तक पहुँच सकते हैं।

बस से मुनस्यारी कैसे जायें – How To Reach Munsiyari By Bus In Hindi

Credit- Sandeep Jindal

मुनस्यारी उत्तराखंड सभी शहरों से अच्छे से सडकों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से या अन्य स्थानों से यहाँ के लिए निरंतर बसें चलती रहती हैं। हालाँकि, यात्रा के दौरान आपको बस बदलनी पड़ सकती है।

निष्कर्ष- Conclusion

आज के आर्टिकल में हमने आपको उत्तराखंड के एक प्रसिद्द पर्यटन स्थल मुनस्यारी की बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। आशा करते हैं आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा, यदि इसमें कोई कमी रह गयी हो तो या आपको लगता हो कि कोई जानकारी गलत है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं, हम अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास करेंगे।

FAQs

Q- मुनस्यारी क्यों प्रसिद्ध है?

Ans- मुनस्यारी अपने प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए प्रसिद्द है, मुनस्यारी की सुन्दरता कश्मीर से कम नहीं है, इसीलिए इसे छोटा कश्मीर भी कहा जाता है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ ट्रेकिंग, कैम्पिंग और ट्रिप पर आते हैं। मुनस्यारी में बहुत सारे दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं।

Q- मुनस्यारी कैसे पहुंचे?

Ans- मुनस्यारी केवल बस, टैक्सी या कार से पहुंचा जा सकता है। नजदीकी एअरपोर्ट देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट (214 km) है जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (275 km) और टनकपुर (286 km) हैं।

Q- मुनस्यारी जाने के लिए कितने दिन चाहिए?

Ans- दिल्ली से मुनस्यारी आप बस से आसानी से 2 दिन में पहुँच सकते हैं।

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