Char Dham Yatra 2024: उत्तराखंड के प्रसिद्द चार धाम यात्रा शुरु होने में अब बस कुछ ही समय रह गया है, अभी से यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं, इस वर्ष चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2024) की शुरुआत मई में होगी, लेकिन पंजीकरण के बिना चारधाम यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. चारधाम यात्रा के ऑनलाइन पंजीकरण 15 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे. 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट सभी तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जायेंगे. इसके बाद 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और मुहूर्त तय हुआ है. बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हर साल महाशिवरात्रि के दिन घोषित की जाती है.
बता दें कि चार धाम यात्रा के लिए आपको रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है, बिना रजिस्ट्रेशन के आप मंदिर दर्शन नहीं कर पाएंगे. चार धाम यात्रा 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे. आप यात्रा के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन (Char Dham Yatra Registration Date 2024) कर सकते हैं.
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चार धाम यात्रा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन की मॉनिटरिंग पर्यटन विभाग द्वारा करायी जाएगी. पिछले साल 2023 में चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख के पार पहुँच गया था, जिसमे सबसे ज्यादा संख्या केदारनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की थी. इस बार यात्रियों का यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.
चार धाम यात्रा 2024 की तैयारियों के लिए पर्यटन विभाग अवस्थापना के विकास के लिए बजट पर भी काम शुरू हो चुका है. जिससे गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा करने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को बेहतर व्यवस्थाएं दी जा सके. सरकार की ओर से इस बार चार धाम यात्रा को और भी बेहतर बनाने के लिए कुछ नए नियमों पर भी काम किया जा रहा है.
चार धाम यात्रा 2024 के लिए मंदिरों के कपाट खुलने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित कर दी गयी है, इस वर्ष बद्रीनाथ धाम के कपाट सभी श्रद्धालुओं के लिए 12 मई को सुबह 6 बजे खोल दिए जायेंगे.
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श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा, नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इस तेल कलश का प्रयोग भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए निरंतर किया जायेगा. बता दें की सबसे सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई अक्षय तृतीया के दिन खोले जायेंगे.
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