भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल चमोली, उत्तराखंड, एस्ट्रो विलेज क्या होता है? कहाँ है? कैसे पहुंचे? India’s first Astro Village Benital, Astro Tourism, Astro Village Camping, Astro Village Party, Best Time To visit, How To Reach
इस बात को तो आप जानते ही हैं कि उत्तराखंड में मंदिरों की बहुतायत होने की वजह से इसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. मंदिरों के साथ-साथ यहां अनेक पर्यटन स्थल भी हैं, जहां साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है, दिन-ब-दिन लगातार पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए उत्तराखंड में और भी पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। ऐसा ही एक पर्यटक स्थल बेनिताल उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। चमोली में स्थित बेनिताल को भारत का पहले एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है आज के आर्टिकल में हम भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
एस्ट्रो विलेज क्या होता है (What is an Astro Village?)
वर्तमान समय में हमारे देश में एस्ट्रो टूरिज्म की बात बहुत कम लोग करते है लेकिन अब भारत सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसी प्रयास में उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बेनिताल को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज घोषित किया गया है।
एस्ट्रो विलेज से तात्पर्य ऐसी जगह से है जहां पर वायु प्रदूषण (प्रकाश प्रदुषण) बहुत कम हो और आसमान एकदम खुला और साफ दिखता हो। इस जगह से हम तारो, ग्रहों और चांद की चांदनी को बिल्कुल स्पष्ट देख सकते हैं और यहां से हम एस्ट्रो फोटोग्राफी, सौर अवलोकन, नक्षत्र दर्शन, स्टार गेजिंग इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं। बेनिताल, चमोली ऐसी जगह है जहां से आसमान एकदम साफ और स्पष्ट दिखाई देता है।
बेनिताल को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज (India’s first Astro Village Benital) के रूप में विकसित करने के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा एक स्टार्टअप कंपनी Starscapes के साथ मिलकर साझा प्रयोग किया जा रहा है। जल्द ही आप बेनिताल, चमोली में एस्ट्रो विलेज पार्टी और एस्ट्रो विलेज कैम्प लगा पायंगे।
बेनिताल उत्तराखंड, भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बनेगा (India’s first Astro Village Benital)
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बेनीताल गांव को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज घोषित किया गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते देश में ऐसे बहुत ही कम स्थान बच गए हैं जहां से खुला और स्पष्ट आसमान देखा जा सकता है इनमें से एक उत्तराखंड स्थित बेनिताल गांव है। चारों ओर से ऊंचे ऊंचे पहाड़ों, जंगलों और शांत वातावरण से घिरा यह गाँव एक एस्ट्रो विलेज बनने की सभी शर्तें पूरी करता है। बेनिताल के अतिरिक्त लद्दाख, राजस्थान और उत्तराखंड के अन्य इलाकों में भी एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल एक ऊंची हिमालयी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहां से हिमालय के अनोखे दर्शन होते हैं। बेनिताल गांव के आस-पास अधिकतर बांझ और बुरांश के जंगल हैं। बाकी बचे पूरे क्षेत्र पर हरे-भरे बुग्याल हैं, ये बुग्याल यहां की सुंदरता पर चार चांद लगा देते हैं। बेनिताल को एस्ट्रो विलेज बनाने के लिए इन बुग्यालों के स्थायी टेलिस्कोप स्थापित किए जाएंगे जिनसे यहां आने वाले पर्यटक रात में चांद की चांदनी के साथ सभी तारों और ग्रहों हो देखने का लुफ्त उठा सकता है।
क्या है एस्ट्रो टूरिज्म (What is Astro Tourism?)
- एस्ट्रो टूरिज्म खगोल विज्ञान पर आधारित टूरिज्म का एक प्रकार है।
- एस्ट्रो टूरिज्म का उद्देश्य लोगों में खगोल विज्ञान के प्रति रुचि उजागर करना भी है।
- एस्ट्रो टूरिज्म के जरिए हम खुले आसमान में खगोल पिंडों, तारो, ग्रहों, चांद इत्यादि को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
- एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पहाड़ी इलाकों में ऐसे क्षेत्रों का चुनाव किया जाता है, जहां कम वायु प्रदूषण हो और आसमान साफ दिखाई देता हो।
- उत्तराखंड, लद्दाख और राजस्थान में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
बेनीताल एस्ट्रो विलेज कैंपिंग (Astro Village Camping Benital)
पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा की मानें तो उन्होंने बताया है कि चमोली जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं उपलब्ध है और सरकार के निर्देशानुसार बेनिताल को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज (India’s first Astro Village Benital) के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया है।
यह भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बनने के लिए तैयार है। एस्ट्रो विलेज बनने के बाद आप बेनीताल में कैंपिंग कर सकते हैं और स्थाई टेलीस्कोप्स की मदद से रात में तारों और चांद की चांदनी के खूबसूरत नजारों के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों जैसे- एस्ट्रो फोटोग्राफी, स्टार गेजिंग, रॉकेटरी मेकिंग आदि का आनंद भी ले सकते हैं। इसके साथ ही आप बेनिताल से कुछ ही दूरी पर स्थित अन्य पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकते हैं।
सुबोध सिंह राणा के अनुसार एस्ट्रो विलेज बेनिताल में खगोल शास्त्र से जुड़ी जानकारियां पर्यटकों के साथ साझा की जाएगी और उनकी खगोल शास्त्र में रुचि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा, यहां पर विभिन्न तरीके के उपकरण लगाए जाएंगे और उसके बाद लोग यहां पर एस्ट्रो कैंपिंग कर सकते हैं।
बेनिताल एस्ट्रो विलेज पार्टी (Astro Village Party Benital)
भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल, चमोली जिले में समुद्र तल से लगभग 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मई 2023 में बेनिताल में एक एस्ट्रो कैंप और एस्ट्रो पार्टी का आयोजन किया गया। इस ऐस्ट्रो कैम्पिंग की मेजबानी जिला प्रशासन चमोली ने स्टास्केप्स(Starscapes) के साथ मिलकर की।
बता दें कि यह दूसरी बार है जब स्टार स्केट्स चमोली जिला प्रशासन के सहयोग से बेनिताल में एस्ट्रो कैंप और एस्ट्रो पार्टी की मेजबानी कर रहा है इस एस्ट्रो पार्टी का आयोजन 19 मई को किया गया था जो कि 21 मई 2023 तक चली थी।
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशी खुराना ने कहा कि बेनिताल को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि बाहरी राज्यों से हमें बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिला है और काफी ज्यादा पर्यटक अन्य राज्यों से इस ऐस्ट्रो पार्टी का हिस्सा बनने आये थे। यह इवेंट स्टार्गेजिंग, एस्ट्रोफोटोग्राफी, सौर अवलोकन, एस्ट्रोनॉमी तंबोला, नक्षत्र दर्शन जैसी अनेक कार्यकर्मो के साथ यहां आने वाले पर्यटकों को खगोल विज्ञान का एक अनोखा अनुभव देता है।
स्टास्केप्स कंपनी की सहायता से बनेगा ऐस्ट्रो विलेज (Starscapes Benital)
बेनिताल को भारत का पहला एस्ट्रो विलेज (India’s first Astro Village Benital) बनाने में चमोली जिला प्रशासन की सहायता प्राइवेट कंपनी स्टास्केप्स(Starscapes) के द्वारा की जा रही है।
स्टास्केप्स(Starscapes) के संस्थापक रामाशीष रे का कहना है कि हम चमोली जिला प्रशासन के साथ बेनिताल को एक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए उत्साहित हैं। रामाशीष कहते हैं कि एस्ट्रो कैंप पर्यटकों और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए रात में आकाश की सुंदरता को देखने और उसे अनुभव करने का अनूठा अवसर है साथ ही यह क्षेत्र में स्थाई पर्यटन के विकास में भी सहायक होगा।
बेनिताल जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To visit)
यदि आप पर्यटन के शौकीन हैं तो बेनिताल सबसे अच्छी जगहों में से एक होगी। यहां आप वर्ष के किसी भी महीने घूमने जा सकते हैं हालांकि, यदि आप अक्टूबर से जून के बीच में बेनीताल घूमने जाते हैं तो यह समय आपके लिए सबसे बेस्ट रहेगा। बेनिताल, बद्रीनाथ मार्ग पर पड़ता है तो यदि आप बद्रीनाथ यात्रा कर रहे हैं तो एक बार बेनिताल जरूर घूम कर आएं।
मानसून में उत्तराखंड घूमने न आएं ( Avoid Travelling Uttarakhand in Mansoon)
ध्यान रखें मानसून में कभी भी उत्तराखंड या पहाड़ी इलाकों में घूमने की योजना ना बनाएं क्योंकि इस समय आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, मानसून के समय यहां की सड़कों को स्थिति बहुत ही खराब रहती है और जगह-जगह पहाड़ो के टूटने और पत्थर गिरने का खतरा रहता है। कभी अधिक बारिश होने या बादल फटने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं तो कहीं भूस्खलन होता रहता है। कृपया मानसून में पहाड़ों पर घूमने की योजना न बनाएं।
एस्ट्रो विलेज बेनीताल कैसे पहुंचे (How To Reach)
भारत का पहला ऐस्ट्रो विलेज बनने जा रहा बेनिताल गांव अच्छी तरह से सड़कों से जुड़ा हुआ है। यहां आप फ्लाइट, ट्रेन, बस से आसानी से पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट से बेनीताल (By Flight)
फ्लाइट से भारत के पहले ऐस्ट्रो विलेज बेनिताल पहुंचने के लिए आपको नजदीकी एयरपोर्ट जॉलीग्रांट देहरादून पहुंचना होगा। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से बेनिताल की दूरी लगभग 214 km है। यहां से आगे आप बस या टैक्सी से आसानी से बेनिताल गांव पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से बेनिताल (By Train)
बेनिताल गांव पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश हैं जो बेनिताल से लगभग 240 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हरिद्वार या ऋषिकेश में चमोली के लिए आसानी से बस, टैक्सी या कार उपलब्ध हो जाती हैं।
बस से बेनीताल (By Road)
अगर आप उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में घूमने आते हैं तो आपको ऋषिकेश से आगे का सफर बस या टैक्सी से ही करना होता है।
रोड से भारत का पहला ऐस्ट्रो विलेज बेनिताल गांव पहुंचने के लिए आपको हरिद्वार-ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-धारी देवी मंदिर-रुद्रप्रयाग-गौचर-कर्णप्रयाग(बद्रीनाथ मार्ग NH-58) मुख्य पढ़ावोसे होकर जाना पड़ता है। कर्णप्रयाग पहुंचने के बाद आपको सिमली हाईवे (NH-87) की तरफ मुड़ना है, इसी मार्ग पर आगे बढ़ते हुए आपको बेनिताल (26 km) का बोर्ड दिखाई देगा, यहां से लेफ्ट लेकर आप बेनिताल के सुंदर बुग्यालों में पहुच जाते हैं। अगर आप सिमली हाईवे पर सीधा चलते हैं तो ये हाईवे आपको आदि बद्री तक लेकर जाता है।
FAQs
Q- एस्ट्रो विलेज क्या होता है
Ans- एस्ट्रो विलेज से तात्पर्य ऐसी जगह से है जहां पर वायु प्रदूषण बहुत कम हो और आसमान एकदम खुला और साफ दिखता हो। इस जगह से हम तारो, ग्रहों और चांद की चांदनी को बिल्कुल स्पष्ट देख सकते हैं और यहां से हम एस्ट्रो फोटोग्राफी, सौर अवलोकन, नक्षत्र दर्शन, स्टार गेजिंग इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं। बेनिताल, चमोली ऐसी जगह है जहां से आसमान एकदम साफ और स्पष्ट दिखाई देता है।
Q- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज कहाँ है?
Ans- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज उत्तराखंड के चमोली जिले में बेनिताल गाँव है।
Q- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल कितनी ऊँचाई पर है?
Ans- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज बेनिताल समुद्रतल से 2500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
Q- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज कौन सा है?
Ans- भारत का पहला एस्ट्रो विलेज उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बेनिताल गाँव है।