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First Hill Station: शिमला-मनाली नहीं, ये है भारत का पहला हिल स्टेशन, 1823 में बनाया था अंग्रेजों ने

First Hill Station: कई पर्यटक शिमला या मनाली को भारत का पहला Hill Station मान लेते हैं, लेकिन मसूरी को भारत का पहला हिल स्टेशन कहा जाता है, सन 1823 में अंग्रेजों द्वारा मसूरी को एक हिल स्टेशन का दर्जा दिया गया था. उस समय अंग्रेज़ अफसर यहाँ अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियाँ मनाने आते थे, आइये मसूरी के बारे में विस्तार से जानते हैं.

भारत में बहुत सारे पॉपुलर हिल स्टेशन (hill stations in india) हैं जहाँ लोग अपने दोस्तों और फैमिली के साथ गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाते हैं और सर्दियों में बर्फ का मजा लेने जाते हैं. इन हिल स्टेशनों में उत्तराखंड का मसूरी हिल स्टेशन बहुत फेमस है. मसूरी को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है. प्रकृति की गोद में बसा यह हिल स्टेशन चारों ओर से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों, हरियाली, और सुन्दर जंगलों से घिरा है. उत्तराखंड का यही हिल स्टेशन (hill stations in uttarakhand) देश का पहला हिल स्टेशन (First Hill Station Of India) भी है, इसे सबसे पहले अंग्रेजों ने बसाया था.

1823 में बना मसूरी भारत का पहला हिल स्टेशन

मसूरी को 1823 में एक हिल स्टेशन (Mussoorie Hill Station) बनाया गया था, मसूरी को पहला हिल स्टेशन बनाने का श्रेय कैप्टेन यंग को जाता है. यदि किसी जगह को हिल स्टेशन का दर्ज़ा देना है तो इसके लिए कुछ नियम होते हैं, जैसे- इस जगह पर शहरों जैसा शोर-शराबा नहीं होना चाहिए, यह स्थान बिलकुल शांत हो, ऐसी जगहों पर जाकर लोग अपने को तरोताजा महसूस करें, यहाँ पर एक सुकून मिले जो शहरों में मिल पाना मुश्किल है. मसूरी एक ऐसा ही हिल स्टेशन है, जिसमें ये सारी खूबियाँ मौजूद हैं. इसलिए अंग्रेजों ने मसूरी को हिल स्टेशन का दर्जा दिया.

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कैसे आया हिल स्टेशन का कॉन्सेप्ट

आज से लगभग 100 साल पहले जब भारत पर ब्रिटिशों का वर्चस्व था, तब भारत में अधिक शहरों का विकास नहीं हुआ था. यहाँ हर जगह पहाड़ ही पहाड़ थे. भारत की अधिकतकर आबादी गांवों में रहती थी, उस समय अंग्रेज़ अपने परिवार के साथ मसूरी में गर्मियों की छुट्टियाँ मनाने आते थे, यहीं से हिल स्टेशन का कॉन्सेप्ट आया. गर्मी से बचने के लिए अंग्रेजों ने 1820 में मसूरी में जमीन ली और 1823 में इस एक हिल स्टेशन का दर्जा दिया.

मसूरी में सबसे पहले ब्रिटिश कैप्टेन यंग ने बनाई थी झोपड़ी

कहा जाता है कि सबसे पहले मसूरी को झोपड़ी के रूप में बसाया गया था. यंग कैप्टेन ने सबसे पहले यहाँ अपने घर के रूप में एक झोपड़ी बनायीं थी. इसके बाद और ब्रिटिशर्स भी यहाँ आकर रहने लगे और धीरे-धीरे मसूरी का विकास होता गया. अंग्रेजों द्वारा सबसे पहले यहाँ सेब के पेड़ लगाये गए थे, लेकिन वर्तमान समय ने यहाँ देवदार के पेड़ ज्यादा देखने को मिलते हैं.

मसूरी के प्रमुख पर्यटन स्थल

मसूरी को ऐसे ही पहाड़ों की रानी नहीं कहा जाता है, यहाँ आपको घूमने के लिए बहुत सारी खूबसूरत जगहें मिलती हैं जो मसूरी को बेहद आकर्षक बनाती हैं. मसूरी हिल स्टेशन में आप नाग टिब्बा, कैम्पटी फॉल, मसूरी लेक, धनौल्टी, गन हिल, लाखा मंडल और हैप्पी वाल जैसे पर्यटन स्थलों पर घूम सकते हैं. हर साल मसूरी घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या हजारों में होती है.

गर्मियों के मौसम में शहरों की भीषण गर्मी से छुटकारा पाने के लिए लोग यहाँ घूमने आते हैं, गर्मियों में भी यहाँ का मौसम एकदम सुहावना बना रहता है, जबकि सर्दियों में मसूरी का स्नोफॉल देखने लायक होता है. सर्दियों में लोग यहाँ बर्फ का आनंद लेने आते हैं.

मसूरी जाने का सबसे अच्छा समय

आप साल में किसी भी समय मसूरी घूमने जा सकते हो, लेकिन यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और अक्टूबर से दिसम्बर के बीच का होता है.

मसूरी हिल स्टेशन कैसे पहुंचे?

मसूरी जाने के लिए सबसे पहले आपको देहरादून पहुंचना होगा. आप दिल्ली से देहरादून तक फ्लाइट, ट्रेन या बस से आ सकते हैं. मसूरी, देहरादून से केवल (Dehradun to Mussoorie Distance) 35 km की दूरी पर है. देहरादून से यहाँ तक केवल सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है. देहरादून पहुँचने के बाद आप कैब बुक कर सकते हैं या फिर स्थानीय परिवहन की मदद से मसूरी हिल स्टेशन तक पहुँच सकते हैं.

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