Omkareshwar Temple Ukhimath : ओंकारेश्वर मंदिर, उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ क्षेत्र में स्थित है। यह केवल एक अकेला मंदिर नहीं बल्कि मंदिरों का एक समूह है। इस मंदिर में पंचकेदार लिंग दर्शन मंदिर, हिमवंत केदार वैराग्य पीठ, चंडिका मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, पंचकेदार गद्दी स्थल, वाराही देवी आदि देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं।
समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस मंदिर में शीतकाल के दौरान बाबा केदारनाथ और बाबा मद्महेश्वर की पूजा की जाती है। जब केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते हैं तो अगले 6 माह (नवम्बर-अप्रैल) के लिए बाबा केदारनाथ की डोली को Omkareshwar Temple Rudraprayag में लाया जाता है। आज के आर्टिकल में हम Omkareshwar temple rudraprayag पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ का महत्व(Omkareshwar Temple Ukhimath significance)
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ ऊषा-अनिरुद्ध विवाहस्थल के लिए प्रसिद्द है, यहाँ वाणासुर की पुत्री ऊषा और भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह संपन्न हुआ था। इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम पहले “उषामठ” रखा गया था, बाद में परिवर्तन होते-होते अब पूरे क्षेत्र को “उखीमठ” के नाम से जाना जाता है। इस विवाह स्थल को देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहाँ पहुँचते हैं।
इसके अतिरिक्त इस मंदिर में पंचकेदारों के दर्शन एक साथ हो जाते हैं और यहाँ पांडवों के हथियार भी रखे गए हैं, जिनका उपयोग स्थानीय लोग पांडव नृत्य के दौरान करते हैं। इसी की साथ-साथ इसी स्थान पर भगवान शिव ने राजा मान्धता की तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें “ओमकार रूप के दर्शन” (ॐ की ध्वनि) दिए थे।
Omkareshwar temple rudraprayag के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह दुनिया में एकमात्र मंदिर है जो धारत्तुर परकोटा शैली में बना हुआ है। इस मंदिर के गर्भ गृह में बाहर से 16 कोने देखने को मिलते हैं और अंदर से 8 कोने हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ संक्षिप्त जानकारी(Omkareshwar Temple Ukhimath Introduction)
मंदिर का नाम | कोटेश्वर मंदिर |
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स्थान | उखीमठ, रुद्रप्रयाग |
मुख्य देवी/देवता | बाबा केदारनाथ, मद्महेश्वर, पंचकेदार, पांडव, चंडिका देवी, भैरवनाथ |
संबंधित धर्म | हिंदू धर्म |
प्रमुख आकर्षण | उषा-अनिरुद्ध विवाह स्थल, पंचकेदार, पांडवों के हथियार, मंदिर की स्थापत्य कला |
नदी | मंदाकनी |
त्यौहार | मद्महेश्वर मेला, महाशिवरात्रि |
खुलने और बंद होने का समय | सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक |
पर्यटन सुविधाएं | यात्रियों के लिए आरामदायक स्थल, आद्यात्मिक वातावरण, विधि-विधान की सुविधाएं, भजन और कीर्तन का आयोजन |
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ इतिहास/कहानी(Omkareshwar Temple Ukhimath History/Story)
Omkareshwar temple rudraprayag को लेकर एक मान्यता है इसी स्थान पर राजा मान्धाता ने अपना सारा राज-पाठ छोड़कर लगभग 12 वर्षों तक एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की आराधना की थी। राजा मान्धाता की तपस्या और आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मान्धाता को अपने “ओंकार” रूप (ॐ की ध्वनि) में दर्शन दिए और मान्धाता को आशीर्वाद दिया। तभी से इस क्षेत्र का नाम ओंकारेश्वर पड़ गया। Omkareshwar temple rudraprayag में राजा मान्धाता की एक बड़ी सी पत्थर की मूर्ती है।
हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार एक अन्य मान्यता है कि Omkareshwar temple rudraprayag, उखीमठ में ऊषा-अनिरुद्ध (वाणासुर की पुत्री उषा और भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध) विवाह संपन्न हुआ था। इसी वजह से इस क्षेत्र का नाम पहले “उषामठ” रखा गया था, बाद में परिवर्तन होते-होते अब पूरे क्षेत्र को “उखीमठ” के नाम से जाना जाता है। इस विवाह स्थल को देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहाँ पहुँचते हैं।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ स्थापत्य कला(Omkareshwar Temple Ukhimath Structure/Architecture)
Omkareshwar temple rudraprayag अद्भुत धारत्तुर परकोटा शैली से निर्मित है। पुरातात्विक सर्वेक्षणों की मानें तो दुनिया में केवल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ ही धारत्तुर परकोटा शैली में बना हुआ मंदिर है। हालाँकि, पहले काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिरों में भी यह मंदिर शैली देखने को मिलती थी लेकिन आक्रमणकारियों द्वारा लगातार आक्रमण करने से ये मंदिर ध्वस्त हो गए। अब केवल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में ही धारत्तुर परकोटा शैली दिखाई देती है।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ में प्रवेश करने के लिए एक विशाल सिंहद्वार बनाया गया है, मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही मंदिर के चारों और प्राचीन भव्य भवन दिखाई देते हैं, ये सभी भवन स्थानीय शैली में निर्मित हैं और इन पर बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियाँ की गयीं हैं। इन भवनों की छतें पठाल (बहुत बड़े चौड़े पत्थर) से निर्मित है।
मंदिर में प्रवेश करने पर राजा मान्धाता की पत्थर से बनी मूर्ती दिखाई देती है, यहाँ मंदिर गर्भगृह पर बाहर से 16 कोने और अन्दर से 8 कोने दिखाई देते हैं, जो केवल धारत्तुर परकोटा शैली में देखने को मिलते हैं। यह केवल एक अकेला मंदिर नहीं बल्कि मंदिरों का एक समूह है। इस समूह मंदिर में पंचकेदार लिंग दर्शन मंदिर, हिमवंत केदार वैराग्य पीठ, चंडिका मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, पंचकेदार गद्दी स्थल, वाराही देवी आदि देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं।
यहाँ पंचकेदारों के होते हैं एक साथ दर्शन(Omkareshwar Temple Panch Kedar Darshan)
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में एक साथ पंचकेदारों के दर्शन हो जाते हैं, जो श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा या पंचकेदार यात्रा नहीं कर पाते हैं वो ओंकारेश्वर मंदिर आकर सभी केदारों से दर्शन कर लेते हैं। शीतकाल के लिए जब केदारनाथ धाम और मद्महेश्वर धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तो इनकी डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में लायी जाती है। पूरे शीतकाल में 6 माह (नवम्बर-अप्रैल) तक यहीं केदारनाथ और मद्महेश्वर भगवान की पूजा अर्चना की जाती है।
केदारनाथ और मद्महेश्वर शीतकालीन गद्दी (Kedarnath Seat in Winter Season)
दीवाली के बाद केदारनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं, जबकि पंचकेदार में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर बाबा के कपाट दिसम्बर में बंद होते हैं। सर्दियों में केदारनाथ धाम और मद्महेश्वर धाम में अधिक बर्फ़बारी होने के कारण धाम के कपाट बंद करने पड़ते हैं, इसके बाद बाबा केदार और मद्महेश्वर बाबा डोली को शीतकाल गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ लाया जाता है। अगले 6 माह यहीं केदारनाथ और मद्महेश्वर भगवान के दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ मद्महेश्वर मेला (Madmaheshwar Mela (Fair) Ukhimath)
हर वर्ष जब द्वितीय केदार मद्महेश्वर भगवान की डोली कपाट बंद होने के बाद अपनी शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुँचती है तब यहाँ तीन दिवसीय भव्य मद्महेश्वर मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला राजकीय इंटर कॉलेज उखीमठ के खेल मैदान में लगाया जाता है। इस मेले को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले को देखने के लिए रुद्रप्रयाग जिले के सभी स्कूलों में एक दिवसीय आवास घोषित किया जाता है ताकि सभी बच्चे मेले को देखने की लिए जा सकें।
ओंकारेश्वर मंदिर महाशिवरात्रि मेला (Omkareshwar Temple Ukhimath Mahashivratri)
मद्महेश्वर मेले के अतिरित्क्त ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में महाशिवरात्रि के दिन बहुत सारे फूलों से मंदिर की सजावट की जाती है, महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में शिव भक्तों का तांता लग जाता है, सभी भक्त शिव की पूजा करते हैं और शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ ट्रेक(Omkareshwar Temple Ukhimath Trek)
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुँचने की लिए कोई ट्रेक नहीं करना पड़ता है। मंदिर अच्छी तरह से सडकों से जुड़ा हुआ है, यहाँ पहुँचने में यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होती है। हो सकता है मंदिर में श्रधालुओं की ज्यादा भीड़ हो तो आपको दूसरे रास्ते से आना पड़ सकता है, ऐसे में आपको मंदिर तक पहुँचने के लिए केवल 300 मीटर का पैदल ट्रेक करना पड़ता है।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ समयावधि(Omkareshwar Temple Ukhimath Timings)
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ श्रद्धालुओं के लिए सुबह से शाम तक खुला रहता है, आप किसी भी समय मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना, कीर्तन-भजन कर सकते हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर लोकेशन (Omkareshwar Temple ukhimath Location)
ओंकारेश्वर मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ में स्थित है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग से केवल 41 km की दूरी पर है और केदारनाथ यात्रा मार्ग में पड़ता है। केदारनाथ और मद्महेश्वर बाबा की शीतकालीन गद्दी इसी मंदिर में हैं। केदारनाथ जाने वाले यात्री इस मंदिर के दर्शन भी करते हैं, यहाँ पंचकेदारों के एक साथ दर्शन हो जाते हैं।
ओम्कारेश्वर मंदिर प्रवेश शुल्क (Omkareshwar Temple Ukhimath Entry Fee)
उत्तराखंड में अधिकांश मंदिरों की भांति ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, रुद्रप्रयाग में भी भक्तों और पर्यटकों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। आप बिना शुल्क दिए मंदिर परिसर में अपने समयानुसार विचरण कर सकते हैं।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ जाने का सबसे अच्छा समय(Best Time To Visit Omkareshwar Temple)
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, (Omkareshwar temple ukhimath) वर्ष भर भक्तों और पर्यटकों के लिए खुला रहता है, यहाँ चारों धामों के जैसे कपाट बंद नहीं होते हैं। यहाँ का मौसम गर्मियों में न तो अधिक गर्म और नही सर्दियों में अधिक ठंडा होता है। आप साल में किसी भी समय यहाँ आ सकते हैं। लेकिन फिर भी omkareshwar temple ukhimath आने का सबसे अच्छा समय सितम्बर से जून तक होगा। मानसून के समय उत्तराखंड में कहीं भी यात्रा करने या घूमने की योजना न बनाएं। मानसून के समय सड़कों की बहुत बुरी स्थिति रहती है और जगह-जगह बादल फटना, भूस्खलन और पहाड़ टूटने की घटनाएं होती रहती है।
ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ कैसे पहुंचे(How To Reach Omkareshwar Temple)
ओम्कारेश्वर मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है यहाँ हम आपको फ्लाइट, ट्रेन और बस के ओम्कारेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।
फ्लाइट से ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ (Omkareshwar Temple Ukhimath By Flight)
अगर आप फ्लाइट से उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में आना चाहते हैं और यहाँ घूमना चाहते हैं तो आपको ये जानकर निराशा होगी कि आप केवल देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट तक ही फ्लाइट में आ सकते हैं। देहरादून से ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ की दूरी लगभग 190 km है। यह एअरपोर्ट देश के अधिकांश बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। जॉलीग्रांट एअरपोर्ट के लिए आपको सभी जगहों से फ्लाइट आसानी से उपलब्ध हो जाती है। यहाँ से आगे का सफ़र आप बस, टैक्सी और कार से कर सकते हैं।
ट्रेन से ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ (Omkareshwar Temple Ukhimath By Train)
ट्रेन से यात्रा करना सबसे सही और सस्ता रहता है, अधिकांश लोग ट्रेन से सफ़र करने में सहज महसूस करते हैं। उत्तराखंड में ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ, रुद्रप्रयाग (Omkareshwar Temple Ukhimath, Rudraprayag) पहुँचने के लिए आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (लगभग 160 km) पहुंचना होता है। यहाँ से आगे ट्रेन नहीं जाती हैं, आगे की यात्रा बस, टैक्सी या कार से ही करनी होती है। ऋषिकेश-हरिद्वार में आपको रुद्रप्रयाग के लिए बहुत सारी बसें मिल जाती हैं।
बस से ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ (Omkareshwar Temple Ukhimath By Bus)
उत्तराखंड आने वाले अधिकांश यात्री बस से ही यात्रा करते हैं, बस में यात्रा करना अन्य यातायात माध्यमों की तुलना में सस्ता और सुलभ होता है। ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ (Omkareshwar Temple Rudraprayag) के लिए ऋषिकेश या हरिद्वार से बस (Bus) आसानी से मिल जाती हैं। रुद्रप्रयाग पहुँचने के लिए आपको हरिद्वार-ऋषिकेश-तीन धारा-देवप्रयाग-श्रीनगर-धारी देवी मंदिर आदि मुख्य पड़ावों से होकर आना पड़ता है और फिर आप रुद्रप्रयाग पहुँचते हैं। ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ, रुद्रप्रयाग मेन मार्केट से केवल 41 km की दूरी पर स्थित है। रुद्रप्रयाग से उखीमठ तक के लिए निरंतर बसें और टैक्सी चलती रहती हैं।
उखीमठ में होटल/होमस्टे (Hotels/Homestay in Ukhimath)
अगर आप ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ, रुद्रप्रयाग (Omkareshwar Temple Rudraprayag) आने की योजना बना रहे हैं तो आप होटल की चिंता करना छोड़ दीजिये। उखीमठ में आपको, आपके बजट के हिसाब से कई होटल और होमस्टे मिल जायेंगे। आप अपने बजट के हिसाब से अपने होटल का चुनाव कर सकते हैं।
FAQs
Q- ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में किस भगवान की पूजा होती है?
Ans- ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ एक अकेला मंदिर न होकर मंदिरों का समूह है जहाँ बाबा केदार और मद्महेश्वर बाबा की शीतकालीन गद्दी है, शीतकाल में 6 माह तक इसी मंदिर में केदार बाबा और मद्महेश्वर बाबा की पूजा होती है। इसके अतिरिक्त इस समूह मंदिर में पंचकेदार लिंग दर्शन मंदिर, हिमवंत केदार वैराग्य पीठ, चंडिका मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, पंचकेदार गद्दी स्थल, वाराही देवी आदि देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं।
Q- ओंकारेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans- ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ शहर में स्थित है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग से केवल 41 km की दूरी पर है और केदारनाथ यात्रा मार्ग में पड़ता है। केदारनाथ जाने वाले यात्री इस मंदिर के दर्शन भी करते हैं, यहाँ पंचकेदारों के एक साथ दर्शन हो जाते हैं।
Q- ओंकारेश्वर मंदिर किस लिए प्रसिद्द है?
Ans- ओम्कारेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग अपनी स्थापत कला, केदारनाथ और मद्महेश्वर शीतकालीन गद्दी, शिव मंदिर, उषा-अनिरुद्ध विवाह स्थल, राजा मान्धाता की तपस्या और एक पवित्र पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्द है। यह दुनिया में एकमात्र मंदिर है जो धारत्तुर परकोटा शैली में बना हुआ है।
Q- उखीमठ से गौरीकुंड, केदारनाथ कितने किलोमीटर है?
Ans- उखीमठ से गौरीकुंड, केदारनाथ लगभग 47 km है।
Q- त्रियुगीनारायण मंदिर से केदारनाथ कितना किलोमीटर है?
Ans- त्रियुगीनारायण से गौरीकुंड केवल 15 km है, गौरीकुंड से पैदल यात्रा शुरू होती है।