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Kedarnath Yatra 2024- जानिए केदारनाथ यात्रा 2024 से सम्बंधित सभी सवालों के जवाब

Kedarnath Yatra 2024: 10 मई 2024 से चार धाम यात्रा की शुरुआत होने वाली है, सबसे पहले 10 मई 2024 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट हर वर्ष अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं, जो इस बार 10 मई को पड़ रही है. हालाँकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि अप्रैल में घोषित की जाएगी. 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट सभी तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जायेंगे. ऐसे में चार धाम यात्रा करने वाले यात्रियों के मन में यात्रा को लेकर बहुत सारे सवाल आते हैं।

आज हम केदारनाथ यात्रा से जुड़े सारे सवालों (Top 20 FAQs about Kedarnath Yatra 2024) के जवाब देने वाले हैं ताकि आपको इन्टरनेट पर अपने सवालों के जवाब ढूँढने में ज्यादा समय बर्बाद न करना पड़े।

Table of Contents

केदारनाथ यात्रा करने का सबसे अच्छा समय- Best Time To Visit Kedarnath temple

Best Time To Visit Kedarnath temple: 10 मई 2024 को केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे। आप मई-जून के बीच यात्रा कर सकते हैं, सबसे ज्यादा तीर्थयात्री इसी दौरान यात्रा करते हैं। अगर आप काम भीड़ में यात्रा करना चाहते हैं तो आपको सितम्बर से नवंबर के बीच यात्रा करनी चाहिए इस समय मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है और आप आसानी से मंदिर दर्शन के साथ-साथ आस पास के वातावरण का भी आनंद ले सकते हैं।

जुलाई-अगस्त में मानसून के समय तीर्थयात्रियों को यात्रा करने से बचना चाहिए। मानसून के समय उत्तराखंड में अधिक बारिश के चलत्ते बहुत सारी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। मानसून के समय सडकों के स्थिति बहुत ख़राब हो जाती है और अनेक दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती हैं।

क्या केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है- Is It Necessary to Register For Kedarnath Yatra?

चार धाम यात्रा या केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन (Char Dham Yatra Registration 2024) करना अनिवार्य कर दिया गया है, बिना रजिस्ट्रेशन के आपको मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?- How To Register For Kedarnath Yatra

चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2024) या केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra 2024) के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आप सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अगर आप ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आप यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर सरकार द्वारा निर्धारित केंद्रों से कर सकते हैं।

इसके अलावा आप अपने whatsaap और Mobile एप्लीकेशन के द्वारा भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हो। चार धाम यात्रा 2024 स्टेप बाय स्टेप रजिस्ट्रेशन के लिए हमारा ये आर्टिकल पड़ें।

केदारनाथ मंदिर का मौसम कैसा है- How Is The Weather in Kedarnath Temple?

अगर आप सबसे उचित समय में केदारनाथ यात्रा (Kedarnath यात्रा 2024) करना चाहते हैं तो आपको केदारनाथ के बदलते मौसम की भी अच्छी जानकारी होनी आवश्यक है। मई-जून के महीनो में केदारनाथ का मौसम सबसे अच्छा रहता है, न अधिक ठंडा और न अधिक गर्म। जुलाई-अगस्त में मौसम मानसून की चलते खराब रहता है। सितम्बर से नवंबर के बीच थोड़ा बहुत सर्दी पड़नी शुरू हो जाती है।

केदारनाथ मंदिर की कहानी क्या है- What Is The Story Of Kedarnath Temple?

हर वर्ष लाखों की संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं, ऐसे में सभी के मन में केदारनाथ मंदिर को लेकर बहुत से सवाल आते हैं ऐसा ही एक और सवाल लगभग सभी तीर्थयात्रियों के मन में आता होगा कि केदारनाथ मंदिर का इतिहास क्या है, आइये संक्षिप्त में जानते हैं

केदारनाथ मंदिर के इतिहास (Kedarnath Temple History) के बारे में माना जाता है कि जब पांडवों ने कुरुक्षेत्र में कौरवों को हरा कर महाभारत का युद्ध जीता तो उन्हें अपने ही द्वारा अपने प्रियजनों का वध करने पर बड़ी पीड़ा पहुंची, इसलिए वो इस समस्या का समाधान पाने के लिए शिव की शरण में जाना चाहते थे लेकिन भोलेनाथ, पांडवो को दर्शन नहीं देना चाहते थे।

पांडवो से पीछा छुड़ाने के लिए भगवान शिव केदारनाथ आ गए लेकिन पांडव भी उनके पीछे पीछे वहीं आ पहुंचे। तब भगवान शिव ने बैल का रूप धारण कर लिया अन्य बैलों के झुंड में घुस गए ताकि पांडव उन्हें पहचान न सकें लेकिन पांडवों ने इस बात को भांप लिया और महाबली भीम ने शिव को पकड़ने के लिए विशालकाय रूप धारण किया और उन्हें पकड़ने की कोशिश में भगवान शिव नीचे गिर गए और भीम के हाथ में बैल का कूबड़ आया और बाकी हिस्से गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दिए। जिन्हें पंचकेदार के नाम से जाना जाता है।

कूबड़, केदारनाथ में, मुख, रुद्रनाथ में, भुजाएं, तुंगनाथ में, बाल कल्पेश्वर में और नाभि मदमहेश्वर में दिखाई दिए। ये सभी जगहें पंच केदार के नाम से जानी जाती हैं और हर वर्ष इन सभी मंदिरों के कपाट खुलते हैं और हज़ारों-लाखो की संख्या में यहां शिवभक्त पहुंचते हैं।

केदारनाथ मंदिर के अन्दर क्या है- What is inside Kedarnath Temple?

केदारनाथ मंदिर के अंदर एक गर्भ गृह (Garbha Griha) और एक Mandap है जहाँ भोलेनाथ की पूजा होती है। गर्भ गृह में बैल के कूबड़ वाली आकृति है, मुख्य रूप से इसी आकृति की पूजा की जाती है।

केदारनाथ एक 6 फ़ीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित विशाल शिलाखंडों से मिलाकर निर्मित किया गया एक मंदिर है।
केदारनाथ मंदिर लगभग 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है।

केदारनाथ मंदिर की दीवारों को 12 फुट मोटा बनाया गया है।

मंदिर की बाहरी दीवारों पर वास्तुकारों द्वारा पर कहीं-कहीं अन्य छोटी मूर्तियां बनाई गयी हैं जिससे मंदिर की शोभा और बढ़ जाती है।

मंदिर के ठीक बाहर नंदी बैल मंदिर की पहरेदारी करते हुए विराजमान हैं।

केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था- Who Built Kedarnath Temple?

केदारनाथ मंदिर कब और किसने बनवाया इसके साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं लेकिन एक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 3500 ईसा पूर्व का माना जाता है।

मान्यता है की सर्वप्रथम केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। इसके बाद 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य जी महाराज के द्वारा केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण/जीर्णोद्धार करवाया गया।

शंकराचार्य जी के बाद 10वीं शताब्दी में मालवा के राजा भोज ने इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाया।

2013 में केदारनाथ में आयी भीषण आपदा में मंदिर को कुछ क्षति पहुंची तो फिर से मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।

केदारनाथ मंदिर किस लिए फेमस है- What Kedarnath Is Famous For?

केदारनाथ मंदिर का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है, यहाँ भगवान् शिव की पूजा की जाती है और यह मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर पूरे वर्ष हिमाच्छादित पहाड़ियों से घिरा रहता है और ग्रीष्मकाल में 6 माह के लिए मंदिर के कपाट शिव भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।

केदारनाथ मंदिर की ऊँचाई कितनी है- Kedarnath Temple Height?

केदारनाथ एक 6 फ़ीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित विशाल शिलाखंडों से मिलाकर निर्मित किया गया एक मंदिर है।
केदारनाथ मंदिर लगभग 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है।

केदारनाथ धाम कैसे पहुंचे- How To Reach Kedarnath?

केदारनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सबसे लिए सबसे बड़ी समस्या होती है कि वो केदारनाथ यात्रा के लिए किन माध्यमों का चुनाव करें

केदारनाथ यात्रा 2024 करने वाले तीर्थयात्रियों को सबसे पहले हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुंचना होगा अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो आपको देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट तक हवाई सेवाएं उपलब्ध हो जाएँगी

ऋषिकेश-हरिद्वार से आगे आपको बस, टैक्सी या कार से आगे की यात्रा करनी होगी हरिद्वार से आपको ऋषिकेश-देवप्रयाग-तीनधारा-मलेथा-श्रीनगर-धारीदेवी-रुद्रप्रयाग-अगस्त्यमुनि-चन्द्रपुरी-फाटा-रामपुर-गुप्तकाशी-सोनप्रयाग-गौरीकुंड और फिर पैदल ट्रेक या घोड़े-खच्चर की सुविधा लेकर केदारनाथ पहुँच सकते हैं

केदारनाथ यात्रा ट्रेन से कैसे करें- How To Do Kedarnath Yatra By Train

चार धाम यात्रा या केदारनाथ यात्रा 2024 (Kedarnath Yatra 2024) पूरी तरह ट्रेन से करने के लिए अभी चार धाम यात्रा रेल परियोजना (Char Dham Yatra Rail Pariyojana) पर काम चल रहा है। लगभग 2025-26 तक काम पूरा हो जाएगा। लेकिन वर्तमान समय में आपको ऋषिकेश या हरिद्वार तक ही ट्रेन की सुविधाएं उपलब्ध हैं। आप भारत के अधिकांश बड़े शहरों से हरिद्वार-ऋषिकेश के लिए ट्रेन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। हरिद्वार-ऋषिकेश से आपको बस, टैक्सी या कार से चार धाम यात्रा करनी होगी। अधिकतर यात्री बस से यात्रा करना पसंद करते हैं। क्योंकि बस का किराया टैक्सी और कार की तुलना में कम होता है।

केदारनाथ मंदिर के लिए कितना पैदल चलना पड़ता है- Kedarnath Temple Trek in Hindi

केदारनाथ धाम तक पहुँचने के लिए हमने गौरीकुंड से लगभग 18-22 किलोमीटर पैदल ट्रेक करना पडता है। 2013 आपदा से पहले ये पैदल मार्ग रामबाड़ा से होकर जाता था लेकिन आपदा के बाद यात्रा मार्ग को बदलना पड़ा था।

केदारनाथ पहुँचने में कितने दिन लगते हैं- How Many Days Are Required For Kedarnath Yatra

केदारनाथ पहुँचने के लिए कितने दिन लगेंगे ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस शहर से यात्रा कर रहे हैं, हरिद्वार-ऋषिकेश पहुँचने के बाद यदि आप बस, कार या टैक्सी से यात्रा करने की सोच रहे हैं तो आप दो दिन में केदारनाथ पहुँच सकते हैं।

केदारनाथ 6 महीने के लिए बंद क्यों होता है- Why Kedarnth Closed For 6 Month?

केदारनाथ धाम बहुत ऊंचाई पर स्थित हैं और यहाँ हर समय मौसम में परिवर्तन होता रहता है, ग्रीष्मकाल में लगभग 6 महीनो तक मौसम ठीक रहता है इसीलिए केदारनाथ धाम और अन्य तीन धामों (गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ) के कपाट केवल माह के लिए ही खोले जाते हैं। हर वर्ष अप्रैल से नवम्बर के मध्य चारों धामों के कपाट खोले जाते है और 6 माह के बाद शीतकाल के लिए कपाट बंद हो जाते हैं। शीतकाल में अगले 6 माह तक नजदीकी मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्थानांतरित कर दिया जाता है और यहीं 6 महीनो तक पूजा होती है। केदारनाथ की मूर्ति 6 माह तक उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में रहती है।

केदारनाथ त्रासदी क्यों हुई थी- Why Kedarnth Tragedy Happened?

2013 में केदारनाथ धाम में भीषण त्रासदी आयी और अपने साथ कई हज़ारों लोगों का जीवन ले गयी। यह आपदा 16-17 जून 2013 को आयी थी जब प्रदेश के ऊपरी इलाकों में औसत से अधिक बारिश हुई, ग्लेशियर टूटे, ताल टूटे और इन सब कारणों की वजह से मंदाकनी का जल स्तर बढ़ने लगा और नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। मंदाकनी नदी में जल स्तर इतना बढ़ गया था की जो कुछ भी नदी के राह में आता उसे मंदाकनी आने साथ समेट कर ले जाती।

ऐसे में मंदाकनी नदी ने मंदिर को भी काफी क्षति पहुचाई। हालांकि मंदिर के ठीक पीछे एक बड़ा विशालकाय पत्थर नदी के साथ बहकर आया और वहां से नदी दो हिस्सों में प्रवाहित हो गयी। इस विशालकाय पत्थर की वजह से मंदिर बच गया। श्रद्धालुओ का मानना है कि ये भोलेनाथ का चमत्कार ही है जो मंदिर के ठीक पीछे इतना विशालकाय पत्थर आ पहुंचा। आपदा के बाद से इस शिलाखंड को भीम शिला के नाम से जाना जाने लगा है और अब इसकी भी निरंतर पूजा होती है।

आपदा के बाद फिर से सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त हुए मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया और मंदिर के आस पास अन्य अनेक कार्य करवाये गए हैं। अब मंदिर के आस पास का क्षेत्र अलग स्वरूप में नजर आता है।

केदारनाथ मंदिर के समीप धर्मशाला- Dharmshala near Kedarnath

  1. गायत्री भवन(Gayatri Bhavan)
  2. मेरठ मण्डल और मेवार सदन(Meerut Mandal And Mewar Sadan)
  3. आगरा भवन(Agra Bhavan)
  4. काली कमली धर्मशाला , केदारनाथ(Kali Kamli Dharamshala)
  5. राजस्थान सेवा सदन(Rajasthan Seva Sadan)
  6. गुजरात भवन(Gujrat Bhavan)
  7. पंजाब सिंध आवास(Punjab Sindh Awas)
  8. जय जलाराम आश्रम(Jay Jalaram Ashram)
  9. श्री स्वामी रामानंद संत आश्रम(Shri Swami Ramanand Sant Ashram)
  10. भारत सेवाश्रम सदन(Bharat Sevashram Sadan)
  11. बहल आश्रम होटल(Behl Ashram Hotel)

केदारनाथ बेस्ट होटल- Best Hotel In Kedarnath

  • Kedar Valley Resort
  • Vivek And Eevanto Hotel Group
  • Bal Uma Sankar, Kedarnath
  • Gujarat Bhawan
  • Hotel Punjab Sind Awas
  •  Behl Ashram Kedarnath
  • Agrabhawan Kedarnath
  • Vivek And Eevanto Hotel Group
  •  Bhopal Bhawan
  •  Behl Ashram Kedarnath

फाटा, केदारनाथ में बेस्ट होटल- Best Hotel in Phata Kedarnath

  1. KedaraYatih Resort
  2.  Shivay Kingdom Eco Cottage & Huts
  3. OYO 47927 Mrityunjaya Palace

सोनप्रयाग में बेस्ट होटल- Best Hotel In Sonprayag, Kedarnath

  1. OYO 47927 Mrityunjaya Palace
  2.  Hotel Govind, Rudrapryag
  3.  Priya Hotel
  4.  Amit Residency, Kedarnath Road
  5.  Rajarajeshwari Guest House

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के आर्टिकल में हमने आपको केदारनाथ यात्रा से जुड़े 20+ सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों (Top 20 FAQs about Kedarnath Yatra 2024) के जवाब देने की कोशिश की है, आगे भी हम अपनी वेबसाइट पर चार धाम यात्रा 2024 से जुड़े सभी अपडेट देते रहेंगे आप यात्रा से जुड़े सभी updates के लिए हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहे

इन्हें भी पड़ें:-

FAQs

Q. चार धाम यात्रा 2024 कब से शुरू होगी ?

Ans- चार धाम यात्रा 10 May 2024 से शुरू होने वाली है। 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.

Q. केदारनाथ धाम के कपाट कब खुलेंगे?

Ans- 10 May 2024 को केदारनाथ के कपाट खोले जायेंगे?

Q. क्या ट्रेन से केदारनाथ यात्रा कर सकते हैं?

Ans- नहीं, आप केवल हरिद्वार-ऋषिकेश तक ट्रेन से आ सकते हैं। वहां से आपको बस, टैक्सी या कार से यात्रा करनी होगी।

Q. केदारनाथ पहुँचने में कितने दिन लगते हैं?

Ans- अगर आप बस, टैक्सी या कार से यात्रा कर रहे है तो हरिद्वार-ऋषिकेश से आप 2 दिन में यात्रा कर सकते हैं

Q.केदारनाथ धाम किस जिले में स्थित है?

Ans- केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।

Q. क्या चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है?

Ans- हाँ, उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है अब बिना रजिस्ट्रेशन के आप चार धाम यात्रा नहीं कर सकते हैं।

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