Valley Of Flowers Uttarakhand: फूलों की घाटी या “वैली ऑफ फ्लावर्स” उत्तराखंड के खूबसूरत चमोली जिले में स्थित है. पश्चिमी हिमालय में स्थित इस बेहद खूबसूरत फूलों की घाटी को एक्सप्लोर करने के लिए पूरी दुनिया के टूरिस्ट यहाँ आते आते हैं. यहाँ आपको कई प्रकार के सुन्दर फूलों की प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी. यदि आप प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफी के शौक़ीन हैं तो आपके लिए वैली ऑफ़ फ्लावर्स (Valley of Flowers National park) किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
बता दें कि फूलों की घाटी को साल 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था. फूलों की घाटी को पहले भुइंदर वैली के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता था. लेकिन बाद में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ द्वारा 1931 में इसका नाम बदलकर वैली ऑफ़ फ्लावर्स या फूलों की घाटी कर दिया गया. चलिए जानते इस खूबसूरत वैली के बारे में विस्तार से और जानते हैं कि कैसे आप भी यहाँ अपनी फैमिली, फ्रेंड्स या फिर सोलो ट्रेवल के लिए जा सकते हैं.
पहली सोलो यात्रा का अनुभव- Valley Of Flowers Solo Travel
पहली बार अकेले यात्रा (Solo Travel) पर निकलना रोमांचकारी और थोड़ा डरावना दोनों हो सकता है। यह पहला अवसर है जब आपको किसी और पर भरोसा किए बिना, अपनी शर्तों पर दुनिया का पता लगाने का मौका मिलेगा। आपको कहां जाना है, जाने के क्या माध्यम हैं से लेकर क्या खाना है और कहां रहना है तक सभी निर्णय आपके खुद के होते हैं। सोलो ट्रैवल करना आपको ज़िंदगी जीने और दुनिया को देखने के एक ने नज़रिए से परिचय करवाएगा।
यह आपको नए लोगों से मिलने और अपने बारे में उन चीजों की खोज करने का अवसर भी देगा जो आप पहले कभी नहीं जानते थे। हालाँकि यह पहली बार में थोड़ा डरावना लग सकता है परंतु एकल यात्रा आपको अविश्वसनीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करता है। आप खुद पर भरोसा करना और अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करना सीखते हैं, और आप आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की एक नई भावना और उमंग महसूस करते हैं।
फूलों की घाटी के बारे में कुछ खास झलकियां
फूलों की घाटी जिसे फ्लावर वैली( Valley of Flowers Trek ) के नाम से भी जाना जाता है, वह उत्तराखंड के चमोली जिले में एक सुंदर और मनमोहक स्थल है। यह एक भारतीय राष्ट्रीय उद्यान है जो अपनी समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। यह समुद्र तल से 3352 से 3658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हर साल बड़ी संख्या में पैदल यात्री और पर्यटक फूलों की घाटी की यात्रा करने देशभर से आया करते हैं। यह एक लोकप्रिय पदयात्रा स्थल है!
राष्ट्रीय उद्यान लगभग 2 किलोमीटर चौड़ा और 8 किलोमीटर लंबा है। फूलों की घाटी के चारों ओर हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ हैं। फूलों की घाटी का भ्रमण शांतिपूर्ण प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है। जोशीमठ हरिद्वार के पास एक पवित्र गांव है जो की घाटी की आकर्षक यात्रा के लिए शुरुआती बिंदु के रूप में प्रसिद्ध है।
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फूलों की घाटी में देखने लायक पर्यटन स्थल
फूलों की घाटी में यात्रा के दौरान आप यहाँ कई खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं, इन जगहों की सुन्दरता देख आप भी मंत्रमुग्ध हो जायेंगे। इसके अलावा इन जगहों पर आप ट्रैकिंग और कैम्पिंग जैसी बहुत सारी एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं.
फूलों की घाटी में ट्रेक- Valley Of Flowers Trek Uttarakhand
फूलों की घाटी में ट्रेकिंग हिमालय के सबसे प्रसिद्ध ट्रेक्स में से एक है। यह भारत के सबसे पुराने ज्ञात ट्रेकों में से गिना जाता है। यह मध्यम वर्गीय ट्रेक है और इसे पूरा करने लिए आपको धैर्य की आवश्यकता होती है. इस ट्रेक के दौरान आपको प्रकृति के कई सुन्दर नजारे देखने को मिलेंगे, जिन्हें देख आपका भी यहाँ से वापस लौटने का मन नहीं करेगा.
हेमकुंड साहिब- Hemkund Sahib Uttarakhand
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में फूलों की घाटी के पास 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक गुरुद्वारा है। इस पवित्र तीर्थस्थल का नाम हिमनद झील हेमकुंड के नाम पर रखा गया है। हेमकुंड साहिब सिक्खों का एक पवित्र स्थल है, हर साल गर्मियों के सीजन में कुछ समय के लिए हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट सभी तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जाते हैं. इस दौरान लाखों की संख्या में तीर्थयात्री यहाँ पहुँचते हैं.
गोविंदघाट- Govindghat, Chamoli
गोविंदघाट वह स्थान है जहां से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होती है और इस साइट पर पहुंचने के लिए खच्चरों और कुलियों को किराये पर लिया जा सकता है। यह अलकनंदा और लक्ष्मण गंगा नदियों के बीच स्थित है और यह पर्यटक पार्किंग स्थल के रूप में भी कार्य करता है।
भारत का पहला गाँव माणा- First Village of India
यह तिब्बत की सीमा पर स्थित भारत के सबसे खूबसूरत गांवों में से एक है। इस गांव में इंडो-मंगोलियाई जनजाति का निवास है। इन्हें भोटिया के नाम से भी जाना जाता है। बता दें की पहले चमोली स्थित इस खूबसूरत गाँव को देश के अंतिम गाँव के नाम से जाना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद अब माणा को देश के प्रथम गाँव (First Indian Village) के रूप में जाना जाता है.
जोशीमठ, चमोली- Joshimath Chamoli
जोशीमठ महान आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से एक है और यह मंदिर उत्तराखंड में 6150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह भगवान बद्रीनारायण का निवास स्थान भी कहा जाता है। जोशीमठ, उत्तराखंड में घूमने के लिए सबसे बेस्ट जगहों में से एक है. जोशीमठ धार्मिक रूप से भी बहुत महत्व रखता है, यदि आप यहाँ जाने की योजना बना रहे हैं तो जोशीमठ में नरसिंह भगवान में भव्य मंदिर का दर्शन करना बिल्कुल ना भूलें.
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फूलों की घाटी की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय- Best Time To Visit in Valley of Flowers
हालाकि घाटी जून से अक्टूबर तक खुली रहती है पर फूलों की घाटी की यात्रा का सबसे अच्छा समय जुलाई और अगस्त के बीच है। इस समय फूल पूरी तरह खिले होते हैं। मानसून (जुलाई-अगस्त) के दौरान, घाटी गुलाबी, सफेद, नीले और बैंगनी रंगों से ढकी रहती है। हालांकि मानसून के समय अधिक बारिश होने के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करना थोडा कठिनाई भरा हो सकता है.
फूलों की घाटी जाने के लिए आवश्यक सामान- Things to Carry While Traveling Valley of Flowers
- एक रेनकोट, पोंचो, या अन्य वाटरप्रूफ जैकेट अवश्य होना चाहिए।
- गर्म कपड़े जैसे लेयर थर्मल, जैकेट, स्वेटर, हुडी, और जो कुछ भी आपको गर्म रहने में मदद करेगा।
- अपना सारा ज़रूरत का सामान रखने के लिए एक बैकपैक.
- रबर के तलवों वाले स्पोर्ट्स जूतों की एक अच्छी जोड़ी।
- एनर्जी बार
- सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू आदि।
- धूप के चश्मे या सनग्लासेज
- फर्स्ट एड जैसे पट्टियां, एंटीबायोटिक्स, और सिरदर्द, बुखार, उल्टी और सर्दी के लिए दवाएं।
- अतिरिक्त बैटरियों के साथ एक छोटी टॉर्च
- यह सलाह दी जाती है कि आप अपना भोजन और पानी साथ रखें क्योंकि आपको यहां कोई खाद्य स्टॉल, दुकानें या रेस्तरां नहीं मिलेंगे।
फूलों की घाटी कैसे पहुचें- How To Reach Valley Of Flowers Uttarakhand
ट्रेन से फूलों की घाटी कैसे पहुचें- How to Reach Valley of Flowers By Train in Hindi
यदि आप फूलों की घाटी की यात्रा करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने शहर से हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचना होगा. ऋषिकेश निकटतम रेलवे स्टेशन है. यहाँ तक का सफ़र आप ट्रेन से कर सकते हैं. इससे आगे का सफ़र आपको बस, टैक्सी या कार से ही करनी होगी. हरिद्वार-ऋषिकेश और देहरादून में आपको चमोली के लिए आसानी से बस उपलब्ध हो जाती हैं.
फ्लाइट से फूलों की घाटी कैसे पहुंचें- How to Reach Valley of Flowers By Flight in Hindi
यदि आप फ्लाइट से यात्रा करना चाहते हैं तो आपको फ्लाइट की सुविधा देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एअरपोर्ट तक ही मिल पाएगी. यहाँ से आगे आपको बस या टैक्सी से अपनी आगे की यात्रा करनी होगी.
बस से फूलों की घाटी कैसे पहुचें- How to Reach Valley of Flowers By Bus in Hindi
फूलों की घाटी गोविंदघाट से लगभग 17 किमी दूर स्थित है। गोविंदघाट से आप घांघरिया के लिए ट्रेक शुरू कर सकते हैं जो कि 13 किमी दूर है। आपके पास घांघरिया पहुंचने के लिए अपनी पसंद और बजट के अनुसार टट्टू, पोर्टर या हेलीकॉप्टर किराए पर लेने का विकल्प है।
घांघरिया पहुंचने के बाद महज़ 3 किलोमीटर की दूरी पर आपको दिख जायेगी फूलों की घाटी। फूलों की घाटी का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है। वहां से आप गोविंदघाट के लिए बस या कैब की सुविधा ले सकते हैं।
निष्कर्ष- Conclusion
कुल मिलाकर, फूलों की घाटी सबसे अलग और हरे-भरे पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यहां, आप अपने मन, शरीर और आत्मा को फिर से जीवंत करने के लिए शांति और शुद्ध ऑक्सीजन पा सकते हैं। फूलों की घाटी का एकल सफर आपके लिए अत्यंत ही रोमांचक और अच्छा साबित होगा।